25 साल के नौजवान नवजोत सिंह सिद्धू ने पटियाला में 27 दिसंबर 1988 की दोपहर गुरनाम सिंह (65) को मामूली विवाद में सिर पर मुक्का मार दिया था, इससे उन्हें ब्रेन हैमरेज हो गया और बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी. इस मामले में मौत की वजह सिर में चोट और कार्डियक कंडीशंस बताई गई थी.
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल सश्रम कैद की सजा सुनाई है। उनको एक हजार रुपये का जुर्माना भी किया गया है। इससे पहले सुप्रीम ने उनको एक हजार रुपये का जुर्माना लगाकर छोड़ दिया था। सिद्धू को जब सुप्रीम कोर्ट सजा सुना रहा था उस समय वह महंगाई के मुद्दे पर पटियाला में प्रदर्शन कर रहे थेे।

सिद्धू को एक साल की कैद
1988 के रोड रेज मामले में सिद्धू को एक साल की सजा सुनाई गई है. पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ये साफ कर दिया है कि सिद्धू को इस मामले में एक साल जेल में बिताना होगा. वहीं याचिका में कहा गया है कि सिद्धू की सजा कम नहीं की जानी चाहिए.
हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था मामला
इससे पहले पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab Hariyana High Court) ने सिद्धू को गैर इरादतन हत्या में तीन साल कैद की सजा सुनाई थी जबकि सुप्रीम कोर्ट ने गैर इरादन हत्या में बरी कर दिया था, लेकिन चोट पहुंचाने के मामले में एक हजार रुपये का जुर्माना लगाया था.
