पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का विद्रोह रंग लाया. राजनीतिक किलेबंदी करके उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया. शनिवार को अपने सभी मंत्रियों के साथ राजभवन जाकर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दोपहर 4:30 बजे राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को अपना इस्तीफा सौंप दिया (Punjab CM Captain Amarinder Singh Resigns) . उनके बेटे हरिंदर सिंह ने ट्वीट किया कि उनके पिता ने पंजाब के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है. कैप्टन ने अपने भविष्य की राजनीति के बारे में भी मीडिया से बात की.
विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने सरकारी आवास पर कैबिनेट मंत्रियों और विधायकों की बैठक बुलायी. इस बैठक में सिर्फ 13 विधायक और 7 कैबिनेट मंत्री पहुंचे.
कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद अब कांग्रेस विधायक दल को नया नेता चुनना होगा। सुक्खी रंधावा, सुनील जाखड़, तृप्त राजिंदर सिंह में से किसी एक नेता को सीएम चुना जा सकता है।
इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा- मेरा फैसला आज सुबह हो गया था। सोनिया गांधी से कह दिया था कि इस्तीफा दे रहा हूं। यह तीसरी बार हो रहा है दो महीनों में कि विधायक दल की बैठक हो रही है, मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। इसलिए मैंने फैसला किया है कि मुख्यमंत्री पद छोड़ दूंगा, जिनपर उन्हें भरोसा है बना लें।

कांग्रेस में अपमानित महसूस कर रहा था – कैप्टन अमरिंदर सिंह
मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि वह पार्टी में अपमानित महसूस कर रहे थे. सुबह ही पार्टी आलाकमान को बता दिया था कि वह सीएम के पद से इस्तीफा दे देंगे. राजभवन के गेट पर प्रेस को संबोधित करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि आलाकमान को जिस पर भरोसा है, वह उसे पंजाब का मुख्यमंत्री नियुक्त कर दे. उन्होंने कहा कि भविष्य में वह क्या करेंगे, इसके बारे में वह अपने साथियों के साथ बैठक करके चर्चा करेंगे.

