घूमने के शौकीन लोगों के खुशखबरी, अब पर्यटन स्थल में एक स्थान की और बढ़ोतरी होने जा रही है जिसमें पर्यावरण के बारे में भरपूर जानकारियां जानने को मिलेंगी
पंजाब के लोगों को पठानकोट में एक और पर्यटन स्थल मिलने जा रहा है। भारत-पाक सीमा के पास स्थित कथलौर सेंक्चुरी को एक करोड़ 2 लाख रुपये खर्च कर पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। 1837 एकड़ में फैली सेंक्चुरी में पर्यटकों के लिए 1.2 करोड़ से रेन शेल्टर, नेचर ट्रेल, बिंग पौंड, स्मृति वन, बांस के हट बनाए जाएंगे। इसके अलावा सेंक्चुरी का भ्रमण करने के लिए पर्यटकों को इलेक्ट्रिक कार (साउंडलेस) और 10 साइकिलों की सुविधा भी दी जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है। छह माह में इस प्रोजेक्ट को तैयार कर लिया जाएगा। मुख्य मार्ग से कथलौर सेंक्चुरी के एप्रोच रोड पर 25 लाख अलग से खर्च किए जाएंगे। वहीं, बच्चों के खेलने के लिए एक्टिविटी प्वाइंट्स होंगे, जिसमें कमांडो नेट और बर्मा ब्रिज बनेंगे। इनके अलावा एक स्मृति वन बनाने की योजना है। जहां लोग अपने कार्यक्रम को यादगार बनाने के लिए पौधरोपण कर सकेंगे।
तीन जोन में बांटा गया कथलौर सेंक्चुरी
वन्य जीव विभाग ने कथलौर सेंक्चुरी को पर्यटकों के लिए खोलने से पहले तीन जोन में बांटा है, इनमें सबसे पहले ईको सेंसटिव जोन और फिर बफर जोन होंगे। यहां पर्यटकों को जाने की इजाजत मिलेगी। सेंक्चुरी के बीचोंबीच कोर जोन बनाया गया है। जहां पर्यटकों के जाने पर प्रतिबंध होगा। ईको सेंसटिव और बफर जोन में पर्यटकों को नियंत्रित तरीके से भ्रमण करने की आजादी होगी। पर्यटकों के लिए वॉच टावर, पीने के पानी की हर जगह व्यवस्था रहेगी। कथलौर सेंक्चुरी में पहले से 10 अमेरिकन ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। जिनमें जंगली जानवरों की गतिविधियां दर्ज होती रहती हैं।
हट में बैठकर ले सकेंगे खाद्य पदार्थों का लुत्फ
वन्य जीव विभाग की ओर से तैयार योजना के मुताबिक सेंक्चुरी में बड़ा जलाशय और उसमें एक आईलैंड भी बनाया जाना है। जहां बांस के हट बनाए जाएंगे। इसके साथ ही रिफ्रेशमेंट सेंटर बनेगा। जहां लोग खाने का लुत्फ भी उठा पाएंगे। जलाशय में मछलियों के अलावा बतख व अन्य पक्षी देखने को मिलेंगे। वहीं, दो किमी के इलाके में पर्यटक ट्रैकिंग कर सकेंगे।
इन जानवरों और पक्षियों का दीदार कर पाएंगे पर्यटक
मौजूदा समय में कथलौर सेंक्चुरी में हजारों की संख्या में राष्ट्रीय पक्षी मोर हैं। वहीं, कैमरों में जंगली जीवों की कैद तस्वीरों से पता चलता है कि बड़ी संख्या में जंगली जीव मौजूद हैं। जिनमें जंगली बिल्ला, रसेल वाइपर स्नैक, सांभर, जंगली खरगोश, जंगली सूअर, जंगली मुर्गा शामिल हैं।
प्रोजेक्ट के मेजर कंपोनेंट हो रहे तैयार
- 500 फीट लंबा और 100 फीट चौड़ा एक बिग पौंड लगभग बनकर तैयार हो गया है जिसमें आईलैंड बनाया जाना बाकी है
- 5 किलोमीटर लंबी नेचर ट्रेल तैयार, 10 जगह फाल्स प्वाइंट्स बनाए जा रहे हैं, जहां बेंचें लगेंगी व वैंड स्केपिंग की जा रही है
- मेन रोड से सेंक्चुरी जाने के लिए 25 लाख खर्च तैयार करवाई जाएगी 500 मीटर सड़क
टूरिस्टों को सेंक्चुरी भ्रमण करने के लिए बेंगलुरु से इलेक्ट्रॉनिक जीप मंगाई गई है
प्रोजेक्ट के मेजर कंपोनेंट तैयार किए जा रहे हैं आईलैंड के किनारे छतरी, बेंचें लगेंगी। सेंक्चुरी से निकलने वाली रावी दरिया के किनारे कटाव रोकने के लिए 400 मीटर क्रेट वायर वाल बना दी गई है तथा उसी जगह 30 फीट ऊंचा वाच टावर बनाया गया है जिस पर से रिवर व्यू और जंगल को देखा जा सकेगा। साथ ही 2 बांस हट्स बनाई गई है तथा जंपिंग फार्म लगाया जाएगा।
सेंक्चुरी में 4 रेन शेल्टर तथा 4 ट्वायलेट ब्लाक बनाए जा रहे हैं। टूरिस्टों को सेंक्चुरी का भ्रमण कराने के लिए इलेक्ट्रानिक जीप बेंगलुरु से मंगाई गई है 10 साइकिलें उपलब्ध होंगी जिन्हें लेकर टूरिस्ट सेंक्चुरी में घूम सकेंगे। डीएफओ का कहना है कि जुलाई तक काम पूरा कर लिया जाएगा।
राशिफल के हिसाब लगा सकेंगे पेड़
योजना के अनुसार सेंक्चुरी में एक बड़े हिस्से में स्मृति वन तैयार किया जाएगा, जिसमें 12 तरह की राशियों के 12 तरह के पेड़ लगाने की भी योजना रखी गई है। स्मृति वन में आने वाले समस्त टूरिस्टों को उनके राशिफल के हिसाब से वन लगाने की अनुमति रहेगी। इसके साथ ही वे अपनी शादी की सालगिरह व जन्म दिन भी इस वन में पेड़ लगा सकेंगे।