मिलिट्री कॉलेज देहरादून द्वारा सर्वश्रेष्ठ कैडेट को दी जाने वाली प्रतिष्ठित ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से हुए सम्मानित
पंजाब में इकलौते प्रथम ने ही टॉप 10 में बनाई जगह
पठानकोट के रहने वाले प्रथम सिंह ने यूपीएससी (एनडीए) में ऑल इंडिया दूसरा रैंक हासिल कर पंजाब का नाम रोशन किया है। 17 साल के प्रथम सिंह ने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून में पढ़ाई के दौरान यह परीक्षा दी थी।
![](https://i1.wp.com/awaajevirsa.com/wp-content/uploads/2021/04/WhatsApp-Image-2021-04-14-at-16.15.27-1.jpeg?resize=640%2C401)
जिसमें से पंजाब में इकलौते प्रथम ने ही टॉप 10 में जगह बनाई है। इसके अलावा प्रथम को राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून द्वारा सर्वश्रेष्ठ कैडेट को दी जाने वाली प्रतिष्ठित ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से भी सम्मानित किया गया है। वहीं, प्रथम सिंह ने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज के 30 साल पुराने हाईजंप के रिकॉर्ड को तोड़कर कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रथम की माता लेफ्टीनेंट कर्नल अनुवंदना जग्गी बताती हैं कि प्रथम राष्ट्रीय स्तर के घुड़सवार और बेहतरीन एथलीट होने के साथ-साथ शानदार तैराक और स्क्वैश के उत्कृष्ट खिलाड़ी थी हैं। वहीं, कोविड19 महामारी के परीक्षण के समय इस होनहार युवा कप्तान कैडेट ने अपने साथियों का सफलतापूर्वक नेतृत्व भी किया।
4 पीढ़ियों से देश की सेवा में जुटा प्रथम का परिवार
प्रथम सिंह पठानकोट के गांव पंगोली के वीर अधिकारी के परिवार से हैं और चौथी पीढ़ी के रूप में अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। जोकि, उनके परनाना कर्नल रणधीर सिंह ने स्थापित की थी। प्रथम के नाना वीर चक्र विजेता कर्नल तीरथ सिंह ने 1971 के बांग्लादेश युद्ध में असाधारण वीरता प्रदर्शित की थी। माता लेफ्टिनेंट कर्नल अनुवंदना जग्गी उनके लिए प्रेरणा स्त्रोत और मार्गदर्शक हैं। इसके अलावा उनके मामा थी सेना में उत्कृष्ट पद पर सेवाएं दे रहे हैं।
गौरवशाली महसूस कर रहा हूं-प्रथम
प्रथम सिंह ने कहा कि वह राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज की गौरवशाली परम्परा को जारी रखते हुए सेना में सेवायें देने में सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि सेना ही एक मात्र ऐसा संगठन है जहां देश की सेवा सच्ची सैनिक भावना, वीरता, सम्मान और बहादुरी के साथ की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मातृभूमि की सेवा में समर्पित जीवन को तत्पर हूं। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, संस्था, राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज के कमाडेंट अजय कुमार, कुशल अधिकारियों, उत्तम शिक्षा देने वाले शिक्षकों को दिया।
उन्होंने कहा कि इन सब ने मिलकर एक सामान्य बालक को तमाम मूल्यवान गुणों से एक प्रतिभावान युवक बनाया। प्रथम की माता लेफ्टिनेंट कर्नल अनुवंदना जग्गी ने गर्व महसूस करते कहा कि वह प्रथम के सेना में जाने के जुनूनी सपने को सच होते देख रही हैं। उन्होंने कहा प्रथम की प्रतिबद्धता, ईमानदारी, कड़ी मेहनत व विनम्रता ने उसका बहुत साथ दिया है। कहा कि इस प्रसन्नता का उल्लेख करना शब्दों से संभव नहीं है तथा मुझे गर्व है कि प्रथम ने अपने परिवार एवं राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज का सम्मान बढ़ाया है।