Tax Collected at Source (TCS) Latest News-1 अक्टूबर से TCS (Tax Collected at Source) से जुड़ा एक नया नियम लागू हो गया है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सेक्शन 206C (1G) के तहत TCS का दायरा बढ़ाते हुए इसे लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) पर भी लागू करने का फैसला किया है.
- नया टीसीएस किसी भी तरह के पैसे पर लगेगा, चाहे आप उसे खर्च के लिए विदेश भेजें या निवेश के लिए, दोनों स्थितियों में आपको टैक्स देना होगा
- एजुकेशन के लिए भेजे जाने वाले पैसे पर आधा प्रतिशत का चार्ज लगेगा, बाकी के पैसे पर 5 प्रतिशत तक चार्ज लगेगा
अगर आप देश से विदेश में पैसा भेजते हैं तो अब इस पर भी आपको टैक्स देना होगा। इनकम टैक्स विभाग ने इस तरह का नियम जारी कर दिया है। एक अक्टूबर से यह लागू हो जाएगा। इस मामले में देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
अगले महीने से लागू होगा नियम
जानकारी के मुताबिक अगले महीने से टीसीएस (टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स) से जुड़ा एक नया नियम लागू होगा। आयकर विभाग ने टीसीएस का दायरा बढ़ाते हुए सेक्शन 206 सी (1जी) के तहत लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (एलआरएस) पर भी लागू करने का फैसला किया है। रेमिटेंस यानी देश से बाहर भेजा गया पैसा। यह रेमिटेंस चाहे खर्च की की स्थिति में हो या फिर निवेश की स्थिति में, दोनों में आपको टैक्स देना होगा। इसमें यात्रा, शैक्षणिक और अन्य खर्च भी हैं।
एक वित्त वर्ष में सात लाख रुपए पर लगेगा टैक्स
नए नियम के मुताबिक किसी भी एक वित्त वर्ष में अगर आप सात लाख रुपए या इससे ज्यादा पैसा भेजते हैं तो आपको टीसीएस लागू होगा। यह इसी अक्टूबर से ही लागू होगा। यह फाइनेंस एक्ट 2020 में शामिल किया गया है। हालांकि टीसीएस तभी लगेगा, जब रेमिटेंस पहले से टीडीएस के दायरे में आने वाली आय से न हो। अगर कोई व्यक्ति विदेश दौरे के सभी इंतजाम खुद से करता है तो टीसीएस लागू नहीं होगा। अगर पहले से टीडीएस के रूप में टैक्स दिया जा चुका है और फिर भी टीसीएस लग गया तो इसके रिफंड का क्लेम किया जा सकता है।
आरबीआई के पहले से हैं तय रकम के नियम
आरबीआई की एलआरएस स्कीम के मुताबिक विदेश में प्रॉपर्टी की खरीद, निवेश, एनआरआई को लोन देने आदि जैसे मामले में एक वित्त वर्ष के अंदर 2.50 लाख डॉलर तक का ट्रांजेक्शन हो सकता है। इसके अलावा इंप्लॉयमेंट विजिट्स, बिजनेस ट्रिप्स, गिफ्टस, डोनेशन, मेडिकल ट्रीटमेंट, रिश्तेदारों की देखभाल आदि के लिए एक वित्त वर्ष में 2.50 लाख डॉलर तक के करंट अकाउंट ट्रांजेक्शंस की अनुमति है।
नए प्रावधान में विदेश भेजे जाने वाले सभी पैसे पर टैक्स लगेगा
नए प्रावधान के तहत मंजूरी प्राप्त सभी फॉरेन रेमिटेंस पर टीसीएस लागू होगा। नए प्रावधान के तहत एलआरएस के तहत भेजे जाने वाले रेमिटेंस पर टीसीएस अलग-अलग दरों में है। उदाहरण के लिए शिक्षा के लिए भेजे जाने वाले पैसे पर आधा प्रतिशत का चार्ज लगेगा। अगर पैन कार्ड नहीं है तो यह पांच प्रतिशत हो जाएगा। अन्य किसी के लिए पैसा भेजा जाता है तो उस पर पैन है तो प्रतिशत और नहीं है तो 10 प्रतिशत का चार्ज लगेगा।
ओवरसीज टूर प्रोग्राम पर भी टैक्स लगेगा
नियम के मुताबिक अगर रेमिटेंस ओवरसीज टूर प्रोग्राम पैकेज के लिए किए गए हैं तो 5 फीसदी टीसीएस सभी रेमिटेंसेज पर लागू होगा, फिर चाहे यह रकम 7 लाख से कम क्यों न हो। एक नया प्रावधान यह भी किया गया है कि एक साल में 50 लाख रुपए से ज्यादा के सामान की बिक्री पर 0.1 फीसदी टीसीएस लागू होगा।