पंजाब से बड़ी खबर है। खबर है कि पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है। कहा जा रहा है कि पूर्व डिप्टी सीएम को विजीलैंस की टीम ने रास्ते से गिरफ्तार किया है। पूर्व डिप्टी सीएम बाजार जा रहे थे कि विजीलैंस टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम ओपी सोनी को पंजाब विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है. ओपी सोनी कांग्रेस के सीनियर लीडर हैं. वह अमृतसर से पांच बार चुनाव जीते हैं. वह चन्नी सरकार में डिप्टी सीएम भी रह चुके हैं और कैप्टन सरकार में कैबिनेट मंत्री थे
जिक्रयोग्य है कि आय से अधिक संपत्ति मामले में ओ.पी. सोनी के खिलाफ विजीलैंस जांच चल रही थी। ओ.पी. सोनी द्वारा अपनी संपत्ति को लेकर दस्तावेज पेश नहीं किये जा सके, जिसके बाद विजीलैंस ने ओ.पी. सोनी को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं 6 सालों के भीतर ओ.पी. सोनी पर काफी संपत्ति बनाने के आरोप लगे हैं।
पंजाब के पूर्व डिप्टी CM ओमप्रकाश सोनी को विजिलेंस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें 2016 से 2022 के बीच आय से अधिक संपत्ति केस में पकड़ा गया है। विजिलेंस सोमवार को उन्हें कोर्ट में पेश करेगी। शिकायत मिलने के बाद सोनी को 25 नवंबर 2022 को पहले बार विजिलेंस ने तलब किया था। तकरीबन 8 महीनों की इंक्वायरी के बाद विजिलेंस ऑफिस अमृतसर में रविवार को FIR दर्ज की गई। सोनी पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (B) और 13 (2) लगाई गई है। 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2022 तक पूर्व डिप्टी सीएम और उनके परिवार की आय 4.52 करोड़ थी। जबकि खर्च 12.48 करोड़ था। उनका खर्च आय के अज्ञात सोर्स से 7.96 करोड़ ज्यादा था। इस दौरान आरोपी ओपी सोनी ने अपनी पत्नी सुमन सोनी और बेटे राघव सोनी के नाम पर संपत्तियां बनाईं।
2021 में कैप्टन अमरिंदर सिंह के रिजाइन और चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री बनने के बाद ओपी सोनी को उप-मुख्यमंत्री पद दिया गया था। पंजाब विधानसभा के पांच बार के विधायक रहे ओपी सोनी 1997, 2002, 2007, 2012 और 2017 में चुनाव जीत चुके हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में सोनी ने अमृतसर सेंट्रल सीट से भाजपा के तरुण चुग को 21 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था। वे 1991 में अमृतसर के पहले मेयर बने थे। वे पंजाब कांग्रेस पब्लिक कमिटी के महासचिव और दो वर्ष तक ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ मेयर के चेयरमैन भी रह चुके हैं। इसके अलावा वे विधानसभा में पब्लिक अकाउंट कमिटी के सदस्य और 2017-18 में पंजाब विधानसभा के लोकल बॉडीज और कमिटी ऑन पब्लिक अंडरटेकिंग्स के भी चेयरमैन रह चुके हैं। ओपी सोनी के मंत्री बनने के बाद से ही वह विवादों में रहे। शिक्षामंत्री बने तो टीचर्स एसोसिएशन उनके खिलाफ लड़ती रही। सेहत मंत्री बने तो ब्यूरोकैट्स के साथ उनका विवाद रहा। वहीं दो घोटालों में भी उनका नाम बार-बार उछला।