उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश से भारी तबाही हुई है। हजारों पर्यटक दोनों पहाड़ी राज्यों में फंस गए हैं। हिमाचल में वाहनों की कतारें 15 किलोमीटर तक देखी गईं। शिमला में कोई होटल रूम अब खाली नहीं है। हिमाचल और उत्तराखंड में दो-दो लोगों के मरने की सूचना है। उत्तराखंड में इस बारिश से चारधाम यात्रा पर असर पड़ सकता है। हिमाचल में कई स्थानों पर सड़कें धंस गई हैं या उन पर पहाड़ का मलबा गिर गया है। कई नेशनल हाईवे बंद कर दिए गए हैं।
उत्तराखंड के कई जिलों में ‘ऑरेंज अलर्ट’ के बीच रविवार-सोमवार को उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए देहरादून में आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और चार धाम तीर्थयात्रियों को मौसम की जानकारी लेने के बाद ही अपनी यात्रा पर आगे बढ़ने की सलाह दी।
मौसम कार्यालय ने बताया कि रविवार को नैनीताल, चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर, देहरादून, टिहरी और पौडी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर तीव्र बारिश हुई। सोमवार को भी तेज बारिश की भविष्यवाणी की है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “मैं श्रद्धालुओं से अपील करता हूं कि अगर मौसम खराब हो तो उन्हें अपनी यात्रा रोक देनी चाहिए।
रुद्रप्रयाग जिले में भूस्खलन के बाद एक वाहन के मलबे में फंस जाने से 50 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। मृतक की पहचान अनिल बिष्ट के रूप में हुई। एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि दो अन्य वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। दूसरी घटना में उत्तरकाशी जिले की पुरोला तहसील के कंडियाल गांव में एक खेत में रोपाई करते समय एक युवक की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। मृतक की पहचान अभिषेक (20) के रूप में हुई है।
मौसम विभाग ने कहा कि पिछले 24 घंटों में, हरिद्वार में सबसे अधिक 78.5 मिमी बारिश हुई, इसके बाद देहरादून में 33.2 मिमी, टिहरी में 26.2 मिमी, पौडी में 15.1 मिमी और पिथौरागढ में 12.6 मिमी बारिश हुई। धामी ने जिलों के अधिकारियों को अलर्ट पर रहने और किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पुलिस, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने को भी कहा।
हिमाचल में कई राजमार्ग बंद
भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बंद कर दिया गया है। हाईवे पर वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। वैकल्पिक मार्ग भी बंद पड़ा है। हजारों की संख्या में पर्यटक और स्थानीय लोग फंस गए हैं। शिमला और मनाली में फंसे पर्यटकों ने होटलों में कमरे ले लिए हैं। वहां अब कोई होटल रूम उपलब्ध नहीं है।
हिमाचल के मंडी जिले में भारी बारिश से तबाही मच गई है। नेशनल हाईवे 154 पर भारी लैंडस्लाइड होने से दोनों ओर गाड़ियों की लम्बी क़तारें लग गई हैं।
जिले के पराशर बागी में बादल फटने से एक सरकारी स्कूल को भारी नुकसान पहुंचा है।
खबर है रि कालका शिमला रेल मार्ग पर 23 जगहों पर पहाड़ का मलबा गिर गया है। इस वजह सेटॉय ट्रेन का संचालन बंद हो गया है।
खोतीनाला के पास बाढ़ आ गई है और पानी हाईवे पर बने पुल के ऊपर से बहने लगा है। तुंगधार में बारिश का तांडव देखा गया। तीन गाड़ियां नाले में बही, सराज में फटा बादल फटने से 4 गाड़ियां बह गईं।
पुलिस ने बताया कि मंडी जिले के बागीपुल इलाके में अचानक आई बाढ़ के कारण पर्यटकों और स्थानीय लोगों सहित 200 से अधिक लोग फंसे हुए हैं। डीएसपी संजीव सूद ने एएनआई को बताया कि पराशर झील के पास मंडी जिले के बागीपुल क्षेत्र में अचानक बाढ़ आ गई है, जिससे मंडी पराशर रोड पर बग्गी पुल के पास पर्यटकों और स्थानीय लोगों सहित 200 से अधिक लोग फंसे हुए हैं। क्षेत्र में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।