भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटोंके लिए सोलन, शिमला, सिरमौर, कुल्लू, बिलासपुर और कांगड़ा जिला में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रदेश में आज और कल के लिए मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है। भारी बारिश के कारण नदी नाले उफान पर है। इसे देखते हुए लोगों को एहतियात बरतने की एडवाइजरी दी गई है।
इन जिलों में लोगों को एहतियात बरतने को कहा गया है। वहीं 28 जून तक प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। हिमाचल प्रदेश में दो मौतों के साथ मानसून की एंट्री हुई है। बीते 24 घंटे के दौरान प्रदेश में भारी बारिश हुई है। भारी बारिश के कारण प्रदेश में नदियों व नालों का जलस्तर बढ़ गया था। वहीं प्रदेश के कई क्षेत्रों में भू-स्खलन व पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। हिमाचल प्रदेश में मानसून के आते ही बारिश ने तबाही मचा दी है। शनिवार सुबह और शुक्रवार रात को हुई भारी बारिश के कारण प्रदेश के नदी नाले उफान पर आ गए। वहीं प्रदेश में हादसों का दौर भी शुरू हो गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार शनिवार को प्रदेश में दो लोगों की अलग-अलग हादसों में मौत हुई है। मंडी में डूबने के कारण एक व्यक्ति की मौत हुई है, तो वहीं दूसरी मौत चंबा जिला में ऊंचाई से गिरने के कारण हुई है। वहीं पांच लोग अलग-अलग हादसों में घायल हुए हंै। बारिश के कारण हुए भू-स्खलन के कारण प्रदेशभर में 40 सडक़ें बंद हो गई हैं।
हिमाचल में मानसून की एंट्री के साथ ही मूसलाधार बारिश शुरू हो गई है। सोलन के अर्की में बादल फटा गया। जिससे 30 से 35 बकरियां बह गई। वहीं मंडी जिले की सराज घाटी में भी काफी नुकसान हुआ है। सराज के तुंगाधार में भारी बारिश के चलते आई बाढ़ में कई वाहन बह गए। उधर, पानी डेंजर लेवल के पास पहुंचने पर पंडोह बांध के फ्लड गेट खोल दिए गए हैं।
इसके साथ कुल्लू के मौहल नाले में नरोणी गांव को जाने वाले रास्ते में पार्क किए वाहन पानी में बह गए। नाले में आई बाढ़ से पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई। 24 घंटे में 13 गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई। चार घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि दो घरों को आंशिक नुकसान पहुंचा। इसके साथ 35 मवेशियों की मौत हो गई।
बारिश के कारण 2 नेशनल हाईवे और 124 सड़कें बंद है। इसके साथ ही 151 बिजली के ट्रांसफार्मर भी ठप हैं। वहीं कालका-शिमला रेल मार्ग पर सभी ट्रेनें आज भी रद्द हैं।
मानसून की पहली बारिश ने हिमाचल प्रदेश में कहर बरपा दिया है। मंडी जिला की सराज घाटी में भारी नुकसान हुआ है। सराज क्षेत्र के तुंगाधार में बाढ़ आने से कई वाहन बह गए। बगस्याड़ में भूस्खलन होने से दो गाड़ियां और एक मकान मलबे में दब गया। वहीं भूस्खलन होने से एक मकान के गिरने का खतरा पैदा हो गया है। चैलचौक-जंजैहली मार्ग अवरुद्ध गया है। नाचन की ज्यूंनी खड्ड उफान पर आ गई है। आसपास के नदी-नाले भी उफान पर हैं। कई पेयजल योजनाएं ठप और सड़क मार्ग अवरुद्ध होने की सूचना है।
भूस्खलन के कारण मंडी कुल्लू वाया कटौला-कटिंडी सड़क मार्ग गोडा फॉर्म (कमांद) के पास अवरुद्ध हो गया है। सड़क मार्ग को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। जोगिंद्रनगर में पीपली बढोण सड़क पर शनिवार रात को फिर समखेतर नाले में बाढ़ आने से कई गांवों का संपर्क कट गया है।