TMC, CPI और NCP को चुनाव आयोग ने दिया बड़ा झटका, छिना राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा; AAP बनीं नेशनल पार्टी
चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई से नेशनल पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है. इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में 6 प्रतिशत से कम हुआ है. इससे पहले BSP से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा वापस लिया गया था. वहीं आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया गया है.
AAP बनी राष्ट्रीय पार्टी
चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (AAP) को नेशनल पार्टी का दर्जा दिया है. राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए आम आदमी पार्टी को गुजरात या हिमाचल में 6% से ज्यादा वोट शेयर पाने की जरूरत थी. आप ने गुजरात में बेहतर प्रदर्शन किया. गुजरात में आप को करीब 13% वोट शेयर मिला, जिसका उसे लाभ मिला. चुनाव आयोग ने ‘आप’ को राष्ट्रीय पार्टी घोषित कर दिया. बता दें कि इससे पहले ‘आप’ को 3 राज्यों दिल्ली, पंजाब और गोवा में 6% से ज्यादा वोट शेयर मिल चुका है. पंजाब और दिल्ली में तो ‘आप’ ने कमाल किया है. दोनों जगह ‘आप’ की सरकार है.
क्या कहते हैं नियम
किसी पार्टी को निम्न तीन नियमों में से कम से कम एक पूरा करने के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी का तमगा दिया जाता है।
- पहला: पार्टी को कम से कम चार राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल हुआ हो।
- दूसरा: लोकसभा की कुल सीटों में से 2 फीसदी सीटें कम से कम तीन राज्यों से मिली हों।
- तीसरा: पार्टी को चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिला हो।
राष्ट्रीय पार्टी को मिलने वाले फायदे
राष्ट्रीय पार्टियां अपना सिंबल या चुनाव चिन्ह देश भर में सुरक्षित कर सकती हैं। राष्ट्रीय पार्टियां चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 स्टार प्रचारक रख सकती हैं साथ ही इनके यात्रा खर्च को उम्मीदवार के चुनाव खर्च में नहीं रखा जाता है। राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय पार्टियों को सब्सिडी दर पर पार्टी अध्यक्ष और पार्टी कार्यालय के लिए एक सरकारी बंगला किराए पर मिलता है। आम चुनावों के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों को आकाशवाणी पर प्रसारण के लिए ब्रॉडकास्ट और टेलीकास्ट बैंड्स मिलते हैं। यानी राष्ट्रीय पार्टियों को सरकारी चैनलों पर दिखाए जाने का समय तय होता है।
राष्ट्रीय पार्टियों को नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक प्रस्तावक की जरूरत होती है। अन्य पार्टियों को 2 प्रस्तावक चाहिए। अनरिकग्नाइज्ड पार्टियों और निर्दलीयों को 5 प्रस्तावकों की जरूरत होती है। राष्ट्रीय पार्टियों को मतदाता सूची के दो सेट मुफ्त में दिए जाते हैं। साथ ही इनके उम्मीदवारों को आम चुनावों के दौरान एक प्रति मुफ्त मिलती है।