पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में मतदान के बाद अब एग्जिट पोल (Assembly Election Exit Polls) आने वाले हैं. मेघालय और नगालैंड में आज यानी 27 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो गया. मेघालय की 60 और नगालैंड की 59 और विधानसभा सीटों के लिए हुए चुनाव के नतीजे 2 मार्च को आएंगे. इसके अलावा त्रिपुरा में 16 फरवरी को 60 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी. इन तीनों ही राज्यों के नतीजे एक साथ आएंगे, लेकिन उससे पहले सभी की नजर एग्जिट पोल्स पर टिकी हैं.
एग्जिट पोल के जरिए चुनाव में जनता ने कौन से दल पर भरोसा जताया और किस दल को लेकर उसका रुझान है इसका अनुमान लगाया जाता है. अगले साल लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं इसलिए ये विधानसभा चुनाव इस लिहाज से भी काफी अहम माने जा रहे हैं. पूर्वोत्तर के राज्यों में उग्रवाद और घुसपैठ और विकास जैसे मुद्दे आम रहते हैं इसलिए इन चुनावों में भी यही मुद्दे छाए रहे हैं. अब एग्जिट पोल के जरिए ये अनुमान लगाया जाएगा कि कौन से दल पर जनता ने ज्यादा विश्वास जताया है.
पूर्वोतर भारत के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड में हुए विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल आ गए हैं।
विभिन्न एजेंसियों के एक्जिट पोल में त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा की वापसी तय मानी जा रही है, जबकि नागालैंड में भी भाजपा और NDPP के गठबंधन के दोबारा सत्ता हासिल करने की उम्मीद है।
मेघालय में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता दिख रहा।
त्रिपुरा में 16 फरवरी और मेघालय और नागालैंड में 27 फरवरी को मतदान हुआ था।
त्रिपुरा में भाजपा सरकार की वापसी तय
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया के मुताबिक, त्रिपुरा में भाजपा को 36 से 45 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि टिपरा मोथा पार्टी के 9 से 16 सीटें जीतने की उम्मीद है। कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां मिलकर 6-11 सीटें जीत सकती हैं।
जी न्यूज-मैट्रीज के अनुसार, भाजपा के 29-36 सीटें जीतने की उम्मीद है, वहीं कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के 13-21 सीटें जीतने की उम्मीद है।
टाइम्स नाउ-ETD रिसर्च ने भाजपा के बहुमत से कम 21-27 सीटें जीतने का अनुमान लगाया है।
पिछली बार त्रिपुरा में क्या रहे थे नतीजे?
भाजपा ने 2018 में हुए पिछले त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में 43.59 प्रतिशत वोट के साथ 36 सीटें हासिल की थीं और बिप्लब कुमार देब को मुख्यमंत्री बनाया था। वाम गठबंधन 42.2 प्रतिशत वोट प्राप्त करने के बावजूद सिर्फ 16 सीटें हासिल कर पाया था।
इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) ने आठ सीटें जीती थीं। भाजपा ने पिछले साल मई में बिप्लब कुमार देब की जगह माणिक साहा को त्रिपुरा का मुख्यमंत्री बना दिया था।
नागालैंड में भाजपा-NDPP की सत्ता में वापसी तय
इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के मुताबिक, नागालैंड में सतारूढ़ भाजपा और NDPP गठबंधन के 38-48 सीटें जीतने का अनुमान है, वहीं NPF 3-8 सीटों और कांग्रेस 1-2 सीटों पर सिमटती हुई दिख रही है।
टाइम्स नाउ-ETG रिसर्च के सर्वे के मुताबिक भी भाजपा-NDPP गठबंधन 39 से 49 सीटें जीतते हुए दिख रहा है, जबकि NPF 4-8 सीटें जीत सकती है।
जी न्यूज और मैट्रीज के अनुसार, भाजपा-NDPP का सत्तारूढ़ गठबंधन 35-43 सीटों पर जीत दर्ज करेगा।
पिछली बार क्या रहे थे नागालैंड में नतीजे?
2018 नागालैंड चुनाव में नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) 26 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन सरकार नहीं बना पाई थी।
नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) ने 18 और भाजपा ने 12 सीटें हासिल करते हुए गठबंधन की सरकार बनाई थी और मुख्यमंत्री नेफियू रियो के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ था।
चुनाव के बाद विपक्षी दल NPF के करीब 21 विधायक NDPP में शामिल हो गए थे।
मेघालय में किसी पार्टी को बहुमत नहीं
इंडिया टुडे और एक्सिस माई इंडिया के मुताबिक, मेघालय में नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) 18 से 24 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन सकती है, जबकि कांग्रेस को 6-12 सीटें और भाजपा को 4-8 सीटें मिलने का अनुमान है।
टाइम्स नाउ ने NPP को 18-26 सीटें, भाजपा को 3-6 सीटें और कांग्रेस को 2-5 सीटें मिलने का अनुमान जताया है।
जी न्यूज के मुताबिक, कॉनराड संगमा के नेतृत्व वाली NPP 21-26 सीटें और भाजपा 6-11 सीटें जीत सकती है।
मेघालय में पिछले नतीजे क्या रहे थे?
2018 के मेघालय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और 60 विधानसभा सीटों में से उसने 21 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि NPP के हिस्से 19 सीटें आई थीं।
इस चुनाव में मेघालय डेमोक्रेटिक फ्रंट (MDF) बना, जिसका भाजपा समेत अन्य क्षेत्रीय दलों ने समर्थन किया और NPP ने सरकार बनाई।
चुनाव के बाद कांग्रेस के कई विधायक दलबदल करके TMC में शामिल हो गए और कांग्रेस को यहां भारी नुकसान उठाना पड़ा।