दीपक सलवान / एडिटर इन चीफ / आवाज ए विरसा
भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अलग-अलग क्षेत्रों में कई तरह की घोषणाएं कीं. इस बीच उन्होंने हेल्थ को लेकर भी कई बड़े ऐलान किए हैं
बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 88,956 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। पिछले बजट के मुकाबले इसमें 2350 करोड़ रुपए यानी कि 2.71 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। वित्त मंत्री बजट में हेल्थ सेक्टर के लिए ऐलान करते हुए बताया कि 2014 से अब तक देश में 157 मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं। अब इन मेडिकल कॉलेजों के साथ ही 157 नए नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जाएंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि आईसीएमआर लैब्स में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की मदद से रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा। फार्मास्यूटिकल सेक्टर में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए भी वित्त मंत्री ने नई योजना का एलान किया। इस योजना से फार्मास्यूटिकल सेक्टर में रिसर्च के साथ ही निवेश भी बढ़ेगा। सिकल सेल एनीमिया के लिए सर्वे किया जाएगा।
वित्त वर्ष 2023 में हेल्थ बजट के 88,956 करोड़ रुपए में से 86,175 करोड़ रुपए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को मिलेंगे। बाकी 2980 करोड़ रुपए हेल्थ रिसर्च पर खर्च किए जाएंगे। नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम पर 133 करोड़, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 7200 करोड़, नेशनल हेल्थ मिशन को 36,785 करोड़, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन पर 4200 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
देश में डायबिटीज के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने मोटे अनाज को प्रोत्साहित करने का फैसला किया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी कह चुके हैं कि डायबिटीज से निपटने में मोटा अनाज काफी कारगर है। यही वजह है कि सरकार ने PM-Pranam (PM Programme for Restoaration Awareness Nourishment and Amelioration of Mother Earth) योजना के तहत पोषण पर फोकस किया है। सरकार ने देश से 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रभावित आदिवासी इलाकों में काउंसिलिंग और सर्वे कराया जाएगा। कोरोना महामारी के बाद देश के स्वास्थ्य ढांचे का नवीनीकरण करने के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च लैब्स में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत रिसर्च की जाएगी।
एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य
आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि साल 2047 तक एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए एक मिशन की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि 0 से 40 साल तक के लोग इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित है। ऐसे में देश में 7 करोड़ लोगों की स्क्रिनिंग की तैयारी की जाएगी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रालय और राज्य सरकारों को हेल्थ सेक्टर के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य
आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि साल 2047 तक एनीमिया को खत्म करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि साल 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को खत्म करने के लिए एक मिशन की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि 0 से 40 साल तक के लोग इस बीमारी से ज्यादा प्रभावित है। ऐसे में देश में 7 करोड़ लोगों की स्क्रिनिंग की तैयारी की जाएगी। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रालय और राज्य सरकारों को हेल्थ सेक्टर के लिए प्रोत्साहित भी किया जाएगा।
मेडिकल उपकरणों के लिए पाठ्यक्रम
नए बजट के तहत मेडिकल उपकरणों को समर्पित बहु-विषयक पाठ्यक्रम लाने की भी घोषणा की गई है। साथ ही भविष्य की चिकित्सा प्रौद्योगिकियों, उच्च अंत निर्माण और अनुसंधान के लिए काम करने का भी लक्ष्य बनाया गया है। इतना ही नहीं पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के मेडिकल कॉलेज और प्राइवेट सेक्टर के आर एंड डी टीमों को सहयोगी अनुसंधान और नवाचार के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा
ये हैं हेल्थ की बड़ी योजनाएं
- 157 नए नर्सिंग कॉलेज
- 2047 तक सिकल सेल एनीमिया के उन्मूलन का लक्ष्य.
- फार्मा में नवाचार के लिए नया प्रावधान.
- चिकित्सा उपकरणों के लिए नया पाठ्यक्रम.
- ICMR की संख्या देशभर में बढाई जाएगी.
- चिकित्सा क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा.
पिछले साल बजट में क्या था
बता दें कि पिछले साल बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना का तोहफा देते हुए स्वास्थ्य बजट में 135 प्रतिशत का इजाफा करने का ऐलान किया था. इसे 94 हजार से बढ़ा कर 2.38 लाख करोड़ रुपए कर दिया गया था. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में अगले 6 सालों में करीब 61 हजार करोड़ रुपए खर्च करने का भी ऐलान किया था.