हिमाचल में हो रही भारी बरसात के बाद कहर बरपा रहा चक्की दरिया सब कुछ निगल लेने पर आमादा है। शनिवार सुबह पठानकोट-जोगिंदरनगर नैरोगेज रेलवे सेक्शन पर पड़ते चक्की पड़ाव रेलवे पुल का बड़ा हिस्सा चक्की दरिया में समा गया। जिसके चलते देश के विभिन्न हिस्सों को हिमाचल से जोड़ने वाला इकलौता रेल मार्ग ठप हो चुका है।
बता दें कि, यह पुल 1929 में ब्रिटिश सरकार के कार्यकाल में बना था। पुल के दो पिलर बहने के बाद अब कम से कम डेढ़ साल तक नैरोगेज रेल सेवा बहाल हो पाना मुश्किल है। अगर पूरा पुल बनाना पड़ा तो फिर करीब चार साल का समय लगना तय है। जोगिंद्रनगर रेलमार्ग, डल्हौजी रोड व कंडवाल रेलवे स्टेशनों के बीच पड़ने वाला अंग्रेजों के समय बना चक्की खड्ड रेलवे पुल ध्वस्त हो गया।
इस रेल मार्ग पर फिरोजपुर रेल डिवीजन की ओर से एक अगस्त से ट्रेनों का संचालन बंद किया जा चुका है। रेलवे की ओर से इस रेल सेक्शन पर कई जगह हुए भूस्खलन को वजह बताया गया था। लेकिन उसके बाद हिमाचल में हुई भारी बरसात के बाद चक्की दरिया के पानी ने इस रेलवे पुल को क्षति पहुंचाई थी। इसके बाद फिरोजपुर, जम्मू और पठानकोट के अधिकारियों ने इस रेलवे पुल का जायजा लिया था और बताया था कि रेलवे पुल के पिलर नंबर 3, 4 और 5 बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिसके बाद रेलवे ने ट्रेनों का संचालन अगले आदेशों तक बंद किया था। अब पुल दरिया में समा जाने के कारण अगले कई महीनों तक इस रेलखंड पर ट्रेनों का संचालन बहाल होना मुमकिन दिखाई नहीं दे रहा।