पंजाब में विधानसभा चुनाव-2022 (Assembly elections in Punjab) के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियां फुल तैयारी में जुटी हुई हैं| वहीं, इस बीच बात अगर पंजाब कांग्रेस की करें तो कांग्रेस हाईकमान ने पंजाब कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं को चुनाव के लिए बेहद अहम जिम्मेदारी सौंपी है|
कांग्रेस हाईकमान की तरफ से सोमवार को एक अधिसूचना जारी की गई और बताया गया कि पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ को चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष (Sunil Jakhar as chairperson of Election Campaign Committe) नियुक्त किया गया है| इसी प्रकार अंबिका सोनी को चुनाव समन्वय समिति का अध्यक्ष (Ambika Soni as chairperson of Election Coordination Committee) नियुक्त किया गया है| और इसी तरह प्रताप सिंह बाजवा घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष (Pratap Singh Bajwa as chairperson of Manifesto Committee) होंगे|
दरअसल अंबिका सोनी और सुनील जाखड़ का नाम कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद सीएम की रेस में भी चल रहा था। लेकिन कांग्रेस ने दलित और सिख वोट को साधने का प्रयास करते हुए सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखा और चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बना दिया। कहा जाता है कि अंबिका सोनी ने खुद भी सीएम बनने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि पंजाब में किसी सिख को ही सीएम बनाया जाना चाहिए। उनकी राय थी कि सिखों के नेतृत्व के लिहाज से पंजाब एकमात्र राज्य है, ऐसे में उसी वर्ग के नेता को यहां लीडरशिप का मौका मिलना चाहिए।
हालांकि इसके बाद से यह पार्टी को यह चिंता भी सता रही थी कि हिंदू वोट बैंक कहीं आम आदमी पार्टी की ओर न चला जाए। अरविंद केजरीवाल के लगातार पंजाब दौरों से भी कांग्रेस टेंशन में बताई जा रही थी। शायद यही वजह है कि अब कांग्रेस ने अंबिका सोनी और सुनील जाखड़ को प्रमोट किया है। सुनील जाखड़ हिंदू जाट बिरादरी के नेता हैं और उनकी सिखों के बीच भी अच्छी छवि मानी जाती है।