पंजाब में कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी द्वारा अपने निवास पर रखे गए डिनर पर इकठे हुए 8 MPs और करीब 58 MLAs की उपस्तिथि के बाद स्पष्ट किया कि यहां एकत्रित हुए सभी नेताओं ने बड़े सहज सुभाव में कहा है कि 2022 के विधानसभा चुनाव पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में ही लड़े जाएंगे।
पंजाब कांग्रेस में चार मंत्रियों और कई विधायकों की बगावत के बाद खींचतान चरम पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह काे हटाने की मुहिम में जुटे तीन कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, सुखजिंदर सिंह रंधावा और पंजाब कांग्रेस के महासचिव परगट सिंह अपने समर्थक विधायकों के साथ दिल्ली में डट गए हैं। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी ताकत दिखाई है। कैप्टन अमरिंदर के समर्थन में कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी द्वारा दिए गए डिनर में नौ मंत्री समेत करीब 58 विधायक और आठ सांसद पहुंचे। यही नहीं, करीब 30 नेता भी शामिल हुए, जो पिछली बार विधानसभा चुनाव हार गए थे।
यही नहीं, 10 वे विधायक भी शामिल हुए, जो बगावत करने वाले धड़े के साथ बैठक में शामिल हुए थे। जाहिर तौर पर अब कैप्टन खेमे ने साफ कर दिया है कि पंजाब में उनकी कुर्सी सिर्फ हाईकमान के सपोर्ट ही नहीं बल्कि बहुमत के लिहाज से भी पूरी तरह सेफ है। वहीं, कांग्रेस हाईकमान के अगले विधानसभा चुनाव में अगुआई के ऐलान के बाद अब नवजोत सिद्धू को अमरिंदर सिंह ने भी संदेश दे दिया है कि भले वो पार्टी प्रधान बन गए हों लेकिन पंजाब में कांग्रेस के कैप्टन वही हैं
कैप्टन ने नवजोत सिंह सिद्धू कैंप और हाईकमान को दिखाई ताकत
मंत्री सोढ़ी की ओर से ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने दावा किया कि डिनर में 58 विधायक-मंत्री और आठ सांसद शामिल हुए। सबने विश्वास जताया कि 2022 में कांग्रेस कैप्टन के नेतृत्व में चुनाव जीतेगी।
अलग-थलग पड़ा बागी धड़ा
कैप्टन की कुर्सी को चुनौती देने वाला बागी धड़ा अब कांग्रेस के भीतर अलग-थलग पड़ गया है। CM चेहरा बदलने की मांग को लेकर चंडीगढ़ से जोश में देहरादून पहुंचे मंत्रियों को कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने बैरंग लौटा दिया। फिर यह भी संदेश दे दिया गया कि नवजोत सिद्धू पार्टी प्रधान जरूर हैं लेकिन कांग्रेस में उनकी मनमानी नहीं चलेगी।
भारी पड़ी उनके धड़े की जल्दबाजी
पंजाब में कांग्रेस को अपने बलबूते 2 बार सत्ता दिलाने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह के आगे नवजोत सिद्धू और उनके गुट को अपने पहले ही दांव में मुंह की खानी पड़ी। महीने भर पहले ही पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PPCC) की कुर्सी संभालने वाले सिद्धू के गुट ने मंगलवार को सूबे में तख्तापलट का प्रयास किया मगर 24 घंटे से भी कम समय में उनकी प्लानिंग की हवा निकल गई।