कोरोना संक्रमित व्यक्ति के एयरोसोल 10 मीटर की दूरी तक फैल सकते हैं। जबकि ड्रॉपलेट्स 2 मीटर तक जाते हैं। सरकार ने गुरुवार को नई एडवाइजरी जारी करते हुए कोरोना से बचाव की गाइडलाइंस बताई हैं। प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन के ऑफिस से जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नजर नहीं आते, वे भी संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए लोग कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें।
वेंटिलेशन अच्छा, तो संक्रमण फैलने का खतरा कम
सरकार की तरफ से स्टॉप द ट्रांसमिशन, क्रश द पेन्डेमिक के नाम से जारी किए गए डॉक्युमेंट्स में खास तौर से वेंटिलेशन की अहमियत पर जोर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि जिन जगहों पर वेंटिलेशन की अच्छी सुविधा होती है, वहां किसी संक्रमित से दूसरे में संक्रमण फैलने का खतरा कम रहता है। साथ ही कहा गया है कि खिड़की-दरवाजे बंद रखकर AC चलाने से कमरे के अंदर संक्रमित हवा इकट्ठी हो जाती है और दूसरे लोगों को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
एडवाइजरी की मुख्य बातें (Highlights of Advisory)
-कोविड-19 के वायरस का प्रकोप कम करने में खुली हवादार जगह अहम भूमिका निभा सकती है. खुली जगह में एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे में संक्रमण फैलने का खतरा भी कम होता है.
-‘लार और छींक तथा उससे निकली संक्रमित बूंद वायरस को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा सकती हैं. बड़ी बूंदें जमीन और सतहों पर गिर जाती हैं और छोटी बूंदे हवा में काफी दूरी तक जा सकती हैं.’
-ऐसी जगह जो बंद हैं और जहां हवा का संचार नहीं है वहां संक्रमित बूंदें कॉन्संट्रेटेड हो जाती हैं और इससे उस इलाके के लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
– पहले के प्रोटोकॉल के मुताबिक संक्रमण को रोकने के लिए छह फुट की दूरी जरूरी बताई गई थी. सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आने के बावजूद वे संक्रमित हो गए. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि जगह अगर जगह हवादार हो तो संक्रमण से बचा जा सकता है.
– जिस तरह घर के दरवाजे और खिड़कियां खोलने और एक्जॉस्ट फैन चलाने से हवा से गंध कम हो जाती है, ठीक उसी तरह हवादार जगह में वायरस की संख्या कम हो सकती है और इससे संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है.
– संक्रमित व्यक्ति के नाक से निकलने वाली बूंदें 2 मीटर के क्षेत्र में गिर सकती हैं जबकि और भी छोटी बूंदें हवा के जरिए 10 मीटर तक जा सकती हैं.
गाइडलाइन में उन सतहों की लगातार और नियमित रूप से सफाई करने को कहा गया है, जिनके संपर्क में लोग ज्यादा रहते हैं. इसमें दरवाजे का हैंडल, लाइट स्विच, टेबल, कुर्सी आदि शामिल हैं. इन्हें ब्लीच और फिनाइल आदि से साफ करने की सलाह दी गई है. गाइडलाइन के मुताबिक, ग्लास, प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर वायरस लंबे समय तक जिंदा रहता है. इसलिए इन चीजों की रेगुलर सफाई जरूरी है.