दीनानगर – आनंद / पुनीत —
स्थानीय एस.एस.एम कॉलेज में प्रिं.डॉ.आर.के तुली जी की अध्यक्षता में स्नातकोत्तर संगीत विभाग द्वारा वेबीनार का आयोजन किया गया। संगीत में शोध प्रविधि विषय पर आयोजित इस वेबीनार में एम.डी यूनिवर्सिटी, रोहतक के
डीन तथा संगीत विभाग विभागाध्यक्ष डॉ.रवि शर्मा तथा गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर के संगीत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.राजेश शर्मा बतौर संसाधन व्यक्ति उपस्थित हुए। प्रि.तुली ने मुख्य वक्ताओं का स्वागत करते हुए कहा कि संगीत ऐसी विद्या है जो मनोरंजन के साथ-साथ ज्ञान में भी वृद्धि करती है। वेबीनार के संयोजक व संगीत विभाग के प्रोफेसर सोनू मंगोत्रा ने वेबीनार की रूपरेखा से परिचित कराते हुए कहा कि संगीत, बौद्धिक विकास के साथ-साथ आत्मा को भी पवित्रता प्रदान करता है। यह केवल मनोरंजन का साधन ही नहीं बल्कि शोध के क्षेत्र में भी इसमें बहुत सारे विकल्प मौजूद हैं। डॉ.रवि शर्मा ने भारतीय संगीत में शोध की रूपरेखा तैयार करने के लिए सिद्धांत व शीर्षक पर चर्चा करते हुए बताया कि शोध के क्षेत्र में विषय चयन से लेकर रूपरेखा निर्माण के सूक्ष्म बिंदुओं जैसे कि भूमिका, परिकल्पना, अध्याय विभाजन, संदर्भ ग्रंथ, सूची का महत्वपूर्ण योगदान होता है। डॉ.राजेश शर्मा ने संगीत में शोध के संभावित क्षेत्र विषय पर विचार व्यक्त करते हुए संगीत के सैद्धांन्तिक व क्रियात्मक पक्ष के अंतर्गत शास्त्रीय संगीत, उप शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, सुगम संगीत, धार्मिक संगीत एवं ऐतिहासिक संगीत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संगीत के साथ अन्य विषयों के सहसंबंध को भी शोध प्रविधि का आवश्यक तत्व बताया। प्रतिभागियों द्वारा वेबीनार की प्रतिपुष्टि भी सकारात्मक रही। इस अवसर पर प्रो.प्रबोध ग्रोवर, प्रो.विशाल महाजन, प्रो.सुबीर रगबोत्रा, प्रो.अमित कुमार, प्रो.कंवलजीत कौर, प्रो.सुषमा, प्रो.मोनिका, प्रौ.अमनजीत कौर, प्रो.दीपिका, प्रो.सुमिता भल्ला उपस्थित थे।