अगले साल होने वाले पंजाब विधानसभा के चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस ने एक बार फिर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवाएं ली हैं। परंतु कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पंजाब राज्य उद्योग विकास कार्पोरेशन के चेयरमैन कृष्ण कुमार बावा की नई किताब राजनीति में बवाल मचा सकती है। दो दिन पहले कैबिनेट मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने उनकी किताब, संघर्ष के 45 साल को रिलीज किया था। किताब में वाबा ने कई रहस्यों से पर्दा उठाया है। बावा ने अपनी किताब में प्रशांत किशोर के कामकाज से पर्दा हटाते हुए लिखा है कि कांग्रेस में शरीफ होना गुनाह है। कई ऐसे लोग पैसे के जोर पर टिकट ले जाते हैं जिनका कांग्रेस की विचारधारा से कोई सरोकार नहीं। टिकट वितरण के समय के समय प्रवासी लोग, दूसरी पार्टियों से आए नेता, धनाढ्य, सेवामुक्त अफसरों के नाम आगे आ जाते हैं। विधानसभा चुनाव 2017 के का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा कि वह लुधियाना की आत्मनगर सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन्हें इस सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी करने को कहा था लेकिन कई लोग प्रशांत किशोर की फौज को खुश करने में लग गए। कैप्टन के आश्वासन के बावजूद मुझे टिकट नहीं मिला। लोहड़ी के अवसर पर रायकोट में आयोजित समारोह में कैप्टन ने मुझे चिंता न करने को कहा और लुधियाना पूर्वी हलके से चुनाव में उतारने की बात की, लेकिन वही हुआ जो पंजाब मामलों के प्रभारी और स्थानीय नेता चाहते थे। शरीफ होने के कारण मेरा टिकट कट गया।