महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सर्वदलीय बैठक में कहा कि लॉकडाउन के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। 15 से 21 अप्रैल तक हालात और खराब होंगे।
महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मामलों पर कंट्रोल करने के लिए सर्वदलीय बैठक हुई. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई इस बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, अशोक चव्हाण, प्रवीण दरेकर, चंद्रकांत पाटील और एकनाथ शिंदे समेत कई नेता शामिल हुए.
15 से 21 अप्रैल के बीच में हालात गंभीर होंगे?
बैठक में बोलते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में 15 अप्रैल से 21 अप्रैल तक हालात गंभीर हो सकते हैं. ऐसे में लॉकडाउन (Lockdown) के अलावा कोई दूसरा उपाय फिलहाल उपलब्ध नहीं है. उन्होंने कहा कि हमें कोरोना की इस चेन को ब्रेक करने की ज़रूरत है. इसके लिए सभी दलों को एक स्वर में फैसला लेना होगा. उन्होंने कहा कि हमारे सामने एक तरफ कुआं और दूसरी ओर खाई वाली स्थिति है. ऐसे में हमें कोई ठोस फैसला लेना ही होगा.
राज्य में लग सकता है 8 दिनों का लॉकडाउन
उन्होंने कहा,’मैं ये नहीं बोल रहा हूं ये एक या दो महीने चलेगा लेकिन हमें कुछ सहन करना ही होगा.’ CM ठाकरे ने संकेत दिया कि महाराष्ट्र में 15 से 21 अप्रैल तक 8 दिनों का लॉकडाउन लग सकता है. सीएम ठाकरे ने कहा,’मैं इस बारे में एक-दो दिन में फैसला करूंगा. हम देखेंगे कि इस हालात में हम किसकी मदद कर सकते हैं और किसकी नहीं. कल हम इस मुद्दे पर कोरोना टास्क फोर्स के साथ बैठक करेंगे.कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं. कह रहे हैं कि कोरोना कोई बीमारी नहीं है. अगर हमें लहर को रोकना है तो सख्त लाकडाउन करना ही होगा.’
बता दें कि, राज्य में तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने 30 अप्रैल तक वीकेंड लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू समेत अन्य पाबंदियों की घोषणा की थी। इसके तहत शुक्रवार रात 8 बजे से सोमवार सुबह 7 बजे तक पाबंदियां लागू रहेंगी। इस दौरान सभी आवश्यक सेवाओं को छूट दी गई है। चिकित्सा दुकानों और दूध केंद्रों को छोड़कर अन्य सभी दुकानें और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भोजन की होम डिलीवरी की अनुमति दी गई है। आदेश में कहा गया है कि लोग फूड पार्सल लेने के लिए होटल और रेस्टोरेंट में नहीं जा सकते। छात्रों को माता-पिता के साथ परीक्षा देने की अनुमति दी गई है।