पठानकोट में लावारिस कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। शनिवार और रविवार को मोहल्ला चार मरला क्वार्टर में एक ही पागल कुत्ते ने सात बच्चों समेत 14 लोगों को नोच डाला। सभी घायलों को सिविल अस्पताल में एंटी रैबीज के इंजेक्शन लगवाए गए। दहशत के कारण लोगों का घरों से निकलना भी मुश्किल हो गया है।
सिविल अस्पताल में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने आए लोगों का कहना है कि हर गली के मोड़ पर लावारिस कुत्तों के झुंड हैं, जो दौड़ाकर काट लेते हैं। शनिवार और रविवार को सिविल अस्पताल में डॉग बाइट के 80 केस आए। सिविल अस्पताल में रोजाना लावारिस कुत्तों का शिकार हुए लगभग 40 लोग पहुंच रहे हैं। सबसे ज्यादा मामले पठानकोट के शहरी इलाकों से हैं। शनिवार और रविवार को आए लगभग 50 लोग शहरी इलाकों से हैं। इसके अलावा सुजानपुर, सरना, बधानी, नरोट जैमल सिंह, घरोटा, जुगियाल, शाहपुरकंडी से भी केस आ रहे हैं।
दो माह में 1655 लोगों को कुत्तों ने काटा
पठानकोट में पिछले दो माह में 1655 लोग लावारिस कुत्तों का शिकार बन चुके हैं। यह आंकड़ा केवल सिविल अस्पताल पठानकोट का है, जिन लोगों ने एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाया। अगर जिले के प्राइवेट अस्पतालों का डाटा मिलाया जाए तो आंकड़े डराने वाले होंगे। पठानकोट में इस साल जनवरी में 780 और फरवरी में 875 लोगों को कुत्ते काट चुके हैं।
डॉग बाइट के बाद महिला की मौत
चार मरला क्वार्टर निवासी संतोष कुमारी ने बताया कि उसके बेटे को मोहल्ले में आए लावारिस कुत्ते ने काटा है। कुछ दिन पहले उसकी ताई सास को भी कुत्ते ने काटा था, जिससे उनकी मौत हो गई है। अभी वह अपने बेटे का उपचार करवा रही है। सड़कों पर घूम रहे लावारिस कुत्तों का प्रशासन को हल करना चाहिए, ताकि आम जनता आराम से कहीं भी आ-जा सके।