बाबा मुक्तेश्वर मंदिर कमेटी की और से ऐताहासिक 5500 वर्ष पुराना पावन मंदिर को निर्माणाधीन बैराज बांध की झील में समाने से बचाने के लिए संघर्ष किया जा रहा है,परंतु बैराज बांध प्रशासन की और से अभी तक कुछ भी नहीं होने पर बाबा मुक्तेश्वर मंदिर बचाओ समिति की ओर से मार्च के पहले सप्ताह में जन आंदोलन करने की चेतावनी दी है तथा इसके साथ ही कमेटी ने पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को इस पावन स्थल को बैराज बांध की झील में समाने से सुरक्षित करने के लिए पत्र लिखा है,
जिस पर पंजाब सीएम कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने बांध प्रशासन को तुरंत सकारात्मक कार्रवाई करने के आदेश जारी किए है, जिस पर आज देर सांयकाल बैरांज बांध प्रशासन के अधिकारियों की टीम, जिनमें चीफ इंजीनियर एस.के सलुजा, एसई हैडक्वाटर नरेश महाजन, एस.ई गुरपिंद्र सिंह संधू एक्सीयन हैडक्वाटर लखविंद्र सिंह, एक्सीयन जेआर डोगरा व अन्य अधिकारियों ने जम्मू-कश्मीर की साईड से बाबा मुक्तेश्वर पावन धाम के पास पहुंच कर पूरी स्थिति की जानकारी ली। वहीं पर मंदिर कमेटी के पदाधिकारी भीम सिंह गुलजार सिंह, सूबेदार शिव सिंह, अंकुंश तनवाल, भाग सिंह, नरेश कुमार व अन्य पदाधिकारियों ने रावी नदी के पार पहुंच कर बांध अधिकारियों से पावन स्थल को बचाने के लिए तीन फुट लंबी व 65 फुट ऊंची दीवार बनाने की मांग को दोहराया।
वहीं पर चीफ इंजीनियर ने बताया कि बैराज बांध प्रशासन इस पावन स्थल को हर हालत में सुरिक्षत करना चाहता है, जिसके लिए मंदिर कमेटी का पूर्ण सहयोग मिलना चाहिए। उन्होनें बताया कि कई तकनीकी कारणो से इस स्थल पर निर्माण कार्य करने में कुछ परेशानियां आ रही हैख्,इसलिए कमेटी भी उनका पूरा सहयोग करें। उन्होनें बताया कि शीघ्र ही पंजाब सरकार के ड्राइंग एंड डिजाइन के वरिष्ठ पदाधिकारियों से बैठक करके, निर्माण कार्य को शुरू करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस समय बांध परियोजना से कुछ समय के लिए बिजली उत्पादन को रोका गया है ताकि पानी की मात्रा कम होने पर यहां पर खुदाई आदि का कार्य किया जा सके। वहीं पर कमेटी के पदाधिकारियों ने बांध अधिकारियों को आश्वासन दिया कि वह केवल तीन सौ फुट लंबी व 65 फुट ऊंची दीवार ही बनाने की मांग रखते है।
सीई ने बताया कि यह मामला आपस में बैठक करके शीघ्र ही हल कर दिया जाएगा ताकि यह पावन स्थल सदियों तक सुरिक्षत व श्रद्धालुओं के लिए बडा स्थान बन सके।