आवाज ए विरसा के मुख्य सम्पादक दीपक सलवान से विशेष मुलाकात
कांग्रेस के पूर्व विधायक अशोक शर्मा ने शिरोमणि अकाली दल (ब) का दामन थाम लिया है और उन्हें पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने उन्हें अकाली दल में शामिल करवाया। अशोक शर्मा का कहना है कि कांग्रेस अब सैद्धांतिक पार्टी नहीं रही। कांग्रेस की सोच का अवमूल्यन हो चुका है। इसी के चलते कांग्रेस को अलविदा कहा।
बता दें, पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री डॉ. अशवनी कुमार के खास रहे अशोक शर्मा 2017 विधानसभा चुनाव में पठानकोट से टिकट न दिए जाने से नाराज चल रहे थे। इससे पहले, वर्ष 2012 में पठानकोट सीट से टिकट कटने पर अशोक शर्मा ने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। जिसमें उन्हें 23 हजार 713 वोट मिले। मौजूदा विधायक अमित विज के कार्यकाल में उनको नजर अंदाज किया और किसी ने उन्हें कांग्रेस में वापसी नहीं करवाई।
जिसके चलते वह अकाली दल के खेमे में जा पहुंचे। अकाली दल में शामिल होने के बाद पूर्व विधायक अशोक शर्मा ने ‘आवाज ए बिरसा’ से बात करते हुए बताया कि वह पिछले करीब 4 वर्ष तक अपने राजनीतिक करियर में विश्राम पर थे और इस दौरान इस बात पर विचार कर रहे थे कि वह अपनी राजनीतिक सेवाएं किसकों दें क्योंकि कांग्रेस पार्टी अपने मूल्यों को खो चुकी है और इस पार्टी को जायज लोगों की अब जरूरत नही है इसलिए उन्होंने अपनी राजनीतिक सेवाएं अकाली दल को देने का मन बनाया है। उन्होंने कहा कि वह इस पार्टी में यह सोच कर शामिल हुए कि अकाली दल ने पंजाब का सफल नेतृत्व किया है और यह पार्टी में इतनी सक्षम है कि राज्य में आगे भी सत्ता में आकर जनता की परेशानियों को दूर करने के साथ-साथ राज्य का विकास कर सकती है। कार्पोरेशन चुनावों को लेकर पूर्व विधायक अशोक शर्मा ने कहा कि अब वह अकाली दल में शामिल हुए है और वह आगामी कार्पोरेशन चुनावों में अपनी इस पार्टी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे और अपने साथियों के साथ-साथ क्षेत्र की जनता से मिलकर अकाली दल की हितकारी नीतियों के बारे में उन्हें जागरूक करेंगे।
उन्होंने कहा कि लोगों को कांग्रेस व भाजपा दोनों को इन चुनावों में जीत दिलवाई है इसलिए वह लोगों से कहेंगे कि वह इस बार अकाली दल को भी मौका दें। गौरतलब है कि अब उनके अकाली दल में शामिल होने से क्षेत्र की राजनीतिक सरगर्मियां और भी तेज होंगी।