दर्जा चार कर्मचारियों के रहने वाले कमरे भी हुए खंडहर
सरकार बडे-बडे दावे तो कर देती है कि लोगों को साफ सुथरी व सही सहूलते दी जाएगी, परन्तु अगर सरकार के अपना ही घर का बुरा हाल हो तो फिर लोगों को कहां अच्छी सहुलतें मिलेगी। हम बात कर रहे है पठानकोट के हल्का सुजानपुर में पड़ते गांव बधानी के सरकारी अस्पताल मे बने कवार्टरो की। जिनकी हालत काफी खस्ता हो चुकी है है और वहां रह रहे दर्जा चार कर्मचारियों को जो क्वार्टर मिले है, उनके कमरे टूट कर खंडहर बन रहे है।
वहीं कूड़े की गंदगी की भी भरमार बनी पड़ी है। दूसरी और पीने वाले पानी की काफी कमी का भी इन लोगों को सामना करना पड़ रहा है। इस सबंधी जब जहां रह रहे कर्मचारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वह पिछले 15 -20 सालों से यहां रह रहे है और यह कमरे काफ़ी समय से खंडहर बने हुए है।
यहां तक की उन्हें पीने वाला पानी भी सही ढंग से नहीं मिल रहा। बार-बार अफसरों के ध्यान में लाए जाने पर भी इस और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है इसके विपरीत उन्हें कहा जाता है कि उनके पास कोई फंड नहीं है इसलिए खुद के पैसे से ठीक करवा लें। उन्होंने कहा कि वह पहले से ही अपनी जेब से बिजली के बिल व पानी के बिल दे रहे है, फिर ऐसे में अगर इन कमरों की रिपेयर भी वह ही करवाएंगे तो उन्हें सरकारी कमरों का क्या फ़ायदा है। कर्मचारियों ने सरकार व प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि जल्द इस और ध्यान दे।
दूसरी और जब अस्पताल की एस.एम.ओ सुनीता शर्मा से जब इस सबंधी बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने उच्चाधिकारीयों को इस सबंधी लिखित में दे दिया है कि अस्पताल में जो भी कमियां है चाहे वो टूटे कमरों की हो चाहे पीने वाले पानी की हो, उसे जल्द दूर किया जाए। उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी की जल्द इस अस्पताल की कमियों को दूर किया जायेगा।