कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया. खराब सेहत की वजह से मोतीलाल वोरा का दिल्ली के फोर्टिस एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था. बता दें कि कल ही उनका जन्मदिन भी था.बताया जा रहा है कि मोतीलाल वोरा को दो दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
उनके निधन पर कांग्रेस के तमाम नेताओं ने अपना दुख प्रकट किया है. 93 साल के मोतीलाल वोरा अपने आखिरी दस सालों में भी एक्टिव रहे. वोरा साहब को लोग प्यार से दद्दू भी बुलाते थे और उनके बारे में मशहूर था कि बतौर कोषाध्यक्ष वे पार्टी की पाई-पाई का हिसाब रखा रखते थे और एक पैसा भी आप फिजूल खर्च नहीं करा सकते थे.
उन्होंने एक लंबी सियासी पारी खेली. जनवरी 1989 से दिसंबर तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. मोतीलाल इसके अलावा केंद्र सरकार में भी बतौर कैबिनेट मंत्री के पद पर आसीन रहे. 1993 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के गवर्नर के तौर पर जिम्मेदारी संभाली थी और 3 साल तक वहां राज्यपाल रहे.
मोतीलाल वोरा लंबे समय तक कांग्रेस में कोषाध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते रहे थे. लेकिन साल 2018 में बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने मोतीलाल वोरा से कोषाध्याक्ष की जिम्मेदारी लेकर अहमद पटेल को दे दी थी.
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद जब पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा दे दिया था तो उसके बाद मोतीलाल वोरा के भी अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने की काफी चर्चा हुई थी. हालांकि अंत में उस पद की जिम्मेदारी सोनिया गांधी को दी गई.