सिविल अस्पताल पठानकोट में आज उस समय माहौल गर्माया, जब अपनी ड्यूटी पर समय पर मानसिक रोग की डॉक्टर के अपनी सीट पर ना बैठे जाने को लेकर शिवसेना के पंजाब प्रदेश अध्यक्ष योगराज शर्मा एवं अन्य लोगों की ओर से अपना रोष जाहिर किया गया। अस्पताल में मानसिक रोग के डॉक्टर से ईलाज करवाने आए लोग काफी समय तक सुबह उनका इंतजार करते रहे, परंतु काफी इंतजार के बाद डॉक्टर के ना आने पर परेशान लोगों ने वहां अपना रोष प्रकट करना शुरू कर दिया।
मानसिक रोग विशेषज्ञ के पास काम के लिए आए शिव सेना प्रदेशाध्यक्ष योगराज शर्मा ने भी काफी समय तक डॉक्टर का इंतजार किया और उन्हें बार-बार फोन भी किए लेकिन उसके बाद जब काफी समय देकर डॉक्टर अपने ऑफिस में ना आए तो उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि सरकार से वेतन लेने वाले डॉक्टर मरीजों को लंबे समय तक इंतजार करवा रहे हैं और आज यहां मानसिक रोग का इलाज करवाने वाले मरीज भी परेशान होते दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर का फर्ज बनता है कि वह अपनी ड्यूटी पर सुबह समय पर आए और मरीजों की जांच करें लेकिन आज उन्होंने देखा है कि मानसिक रोग विशेषज्ञ अपने ऑफिस में मौजूद नहीं थी और काफी समय के इंतजार के बाद भी वह यहां नहीं आई। जिससे वहां खड़े मरीजों को परेशान होता देख उन्होंने सिविल अस्पताल के एसएमओ को भी संपर्क करके इसका कारण पूछा लेकिन उनसे भी कोई उन्हें स्पष्ट जवाब नहीं मिला। उन्होंने रोष व्यक्त किया कि ड्यूटी पर देरी से आकर अपने कर्तव्यों का निर्वाह ना करने वाले ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ शिवसेना द्वारा जल्द सिविल अस्पताल के समक्ष धरना देकर अपना रोष व्यक्त किया जाएगा और हैल्थ विभाग में भी इसकी लिखित तौर पर शिकायत की जाएगी।
इस संबंधी जब मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सोनिया मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह आज सरकारी काम के लिए माननीय कोर्ट गई थी, जहां उन्हें समय लगा। इसके अलावा जब उनकी एमरजैंसी में भी ड्यूटी लगाई जाती है तो इससे उनके मरीजों को इंतजार करना पड़ता है परंतु इन लोगों को भी समझना चाहिए कि डॉक्टरों को और भी अन्य काम होते हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को इस बात से समस्या है तो वही सरकार से मांग करें कि अस्पताल में मानसिक रोग के दो डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई जाए ताकि एक को अन्य सरकारी काम के लिए जाने के बाद दूसरा मरीजों की जांच कर सके।