कोरोना काल में मेहमानों की सीमित संख्या के कारण शादियां लोग शादियों में कम खर्च कर रहे हैं। टेंट और केटरिंग का खर्च भी बच रहा है। देश में शादियों का बाजार 4.5 लाख करोड़ से पांच लाख करोड़ रुपए के बीच होने का अनुमान हैं।
परेशानियों के बीच कोरोनाकाल में अच्छी बात यह है कि शादियों पर फिजूलखर्ची कम हुई है। कैटरिंग, टेंट, सजावट और निमंत्रण कार्ड पर होने वाले खर्च में 50 से 75 प्रतिशत तक की कमी आई है। रौनक जरूर कम हुई है, किसे बुलाएं और किसे नहीं इसे भी लेकर उलझन बढ़ी है।
होटलों में बुकिंग 3 लाख तक
ट्रिनटी होटल के अंकुर शर्मा बताते हैं कि कोरोना गाइडलाइन के कारण भीड़ की इजाजत नहीं है। शादियों में सजावट और कैटरिंग के साथ ही 4-5 लाख रुपए में ही सारे इंतजाम हो जाते हैं। पहले 13 लाख रुपए तक खर्च होते थे। कैटरिंग होटल ही करता है। पहले 1200 रुपए प्लेट खर्च था अब 600 रुपए खर्च हो रहा है। बड़े लॉन के बदले बैंक्वेट हॉल की बुकिंग हो रही है।
सादगी के साथ शादी
टेंट हाउस के संचालक अमित सोनी ने बताया कि इस बार बैंड पार्टी, डीजे, धमाल नहीं बजेंगे। लोग मजबूरी में लाइटिंग, टेंट जैसे तामझाम के बिना शादी कर हैं । छोटे और बैंक्वेट हॉल में शादियों की बुकिंग आ रही है। 100 लोगों की कैटरिंग, फूलों के सजावट और सारी व्यवस्था करके 3 लाख रुपए में लोगों शादियों की बुकिंग हो रही है । इसी तैयारी के साथ होने वाली शादी पर 7 लाख रुपए तक खर्च होता था।
ई-इन्विटेशन पर जोर
इन्विटेशन कार्ड्स के काम से जुड़े कारोबारी विवेक अग्रवाल कहते हैं, लोग पहले 600-700 कार्ड्स छपवाते थे। अब 100 कार्ड्स छपवाते हैं, जो परिवार के लोगों को देने के लिए होते हैं। लोग दूल्हा दुल्हन के वीडियो और फोटोज के साथ ई-इन्विटेशन कार्ड्स बनवा रहे हैं। 500-700 लोगों को कार्ड्स देने के लिए एक लाख रुपए तक खर्च करते थे। अब कार्ड्स, ई कार्ड्स पर 10 हजार रुपए में काम चल जाता है।
खजुराहो के पर्यटन विशेषज्ञ और वेडिंग सलाहकार सुधीर शर्मा ने कहा कि कोरोना फ्री होने और होटलों के द्वारा रेट सस्ते करने के कारण यहां बीते वर्ष की तुलना में दोगुनी डेस्टिनेशन वेडिंग हो रही हैं।
देश में 3 लाख से ज्यादा वेडिंग प्लानर
- देश में हर साल करीब 90 लाख से एक करोड़ शादियां होती हैं।
- अपनी बचत का 30% हिस्सा शादियों पर खर्च करते हैं भारतीय।
- वर्ष 2020 के अंत तक देश में ऑनलाइन मैट्रीमोनियल सर्च का बाजार करीब छह हजार करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।
- हर वर्ष 20 फीसदी के कारोबार की बढ़ोतरी वेडिंग इंडस्ट्री में हो रही है। करीब 3 लाख से ज्यादा वेडिंग प्लानर्स हैं।
50% शादियों में जेवर पुरानी ज्वेलरी से
रिद्दी-सिद्दी बुलियन के एमडी और इंडियन बुलियन एण्ड ज्वैलर्स एसोसिएशन के नेशनल प्रेसीडेंट पृथ्वीराज कोठारी ने कहा कि लॉकडाउन के बाद अब अच्छी डिमांड है। इस बार बदलाव यह है कि एक्सचेंज ज्वैलरी का रोल सबसे बड़ा हो गया है। करीब 50% शादियों के जेवर पुरानी ज्वेलरी के बन रहे हैं। फिर भी शादियों में करीब 350-400 टन सोना की नई ज्वेलरी बनाई जाती है।