केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच बैठक खत्म हो गई है. सरकार ने किसान नेताओं के सामने 9 दिसंबर को छठे दौर की बातचीत का प्रस्ताव रखा है. अभी कुछ देर में किसान नेता और सरकार की तरफ से इस बैठक को लेकर बयान जारी हो सकता है.
कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच गतिरोध जारी है. शनिवार को 5वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. आज की बैठक में सरकार ने किसानों से और वक्त मांगा. अब 9 दिसंबर को सुबह 11 बजे फिर सरकार और किसान नेताओं की बातचीत होगी.
बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने कहा है कि वे हमें 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव भेजेंगे. हम (किसान) आपस में इस पर चर्चा करेंगे, जिसके बाद उसी दिन उनके साथ बैठक होगी. वहीं, किसान नेता बूटा सिंह ने कहा कि हम कानून रद्द करा कर ही मानेंगे. इससे कम पर हम मानने वाले नहीं हैं.
किसान सरकार से अब हां या ना में जवाब चाह रहे हैं. आज पांचवें दौर की वार्ता के दौरान किसान नेता शांत बैठ गए थे. और मंत्री आपस में बात करने के लिए बाहर चले गए थे. किसान नेता एक पन्ने पर हां या ना यानी यस या नो लिखकर बैठे थे. किसान संगठन के नेता बैठक में मंत्रियों के सामने यस या नो प्ले कार्ड लेकर बैठ गए. किसान संगठनों ने सरकार से कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है. सरकार को तय करना है वो क्या चाहती है. किसान नेताओं ने सरकार से कहा कि आप बता दीजिए कि आप हमारी मांग पूरी करेंगे या नहीं.
कल फिर एक बार ऑल इंडिया किसान नेताओं की बैठक होगी. कल शाम तक किसान तय करके जवाब देंगे कि 9 दिसंबर को जाना है या नहीं. वहीं कुछ किसानों ने यह भी कहा कि अगली मीटिंग में नही आएंगे. अब चर्चा नहीं जवाब चाहिए. किसान नेताओं का कहना है कि 7 या 9 तारीख, ये दो तारीखें बैठक के लिए केंद्र ने दीं थी अब किसान तय करेंगे कि चर्चा करनी है या जवाब लेना है.