बीजिंग. चीन ने दक्षिण पश्चिमी सिचुआन प्रांत में मौजूद न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर का पहली बार संचालन किया. चीनी मीडिया ने शुक्रवार को यह जानकारी दी है. खास बात है कि अपने ऊंचे तापमान की क्षमता के चलते इस रिएक्टर को ‘आर्टिफीशियल सन’ (Artificial Sun) यानी कृत्रिम सूर्य भी कहा जा रहा है. खास बात है कि इस डिवाइस के तैयार होने से चीन के न्यूक्लियर पॉवर शोध में काफी मदद मिलेगी.
इस रिएक्टर का नाम है HL-2M रिएक्टर. यह चीन का सबसे बड़ा और आधुनिक न्यूक्लियर फ्यूजन एक्पेरिमेंटल रिसर्च डिवाइस है. वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि यह डिवाइस स्वच्छ ऊर्जा स्रो त को पूरी तरह खोल सकती है. चीन के अखबार पीपुल्स डेली के अनुसार, यह डिवाइस गर्म प्लाज्मा (Hot Plasma) को मिलाने के लिए ताकतवर मेग्नेटिक फील्ड का इस्तेमाल करती है और 15 करोड़ डिग्री सेल्सियस तापमान पर पहुंच सकता है. यह सूर्य की कोर से औसतन 10 गुना ज्यादा गर्म हो सकता है.
अखबार के अनुसार, न्यूक्लियर फ्यूजन एनर्जी (Nuclear Fusion Energy) का विकास चीन की एनर्जी की जरूरतों को पूरा करने का एकमात्र तरीका नहीं है. बल्कि इससे चीन की अर्थव्यवस्था और ऊर्जा के विकास के लिए भी जरूरी है. चीनी वैज्ञानिक साल 2006 से ही छोटे न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्टर के विकास पर काम कर रहे हैं