पठानकोट के डीएफओ डा. संजीव तिवारी का कहना है कि खुशी की बात है कि पंजाब में पहली पैराग्लाइडिंग साइट पठानकोट में चुनी गई। जल्द ही इस साइट को पर्यटकों के लिए ओपन कर दिया जाएगा।
अब पर्यटकों को पैराग्लाइडिंग के लिए हिमाचल जाने की जरूरत नहीं होगी। पंजाब में भी पैराग्लाइडिंग संभव होगी। पठानकोट जिला इस एडवेंचर का गवाह बनने जा रहा है। यहां हिमाचल सीमा से सटी चमरोड़ की पहाडिय़ों में पैराग्लाइडिंग की साइट तलाशी गई है। पंजाब में यह पहली साइट है, जहां पर्यटक पैराग्लाइडिंग कर पाएंगे। विश्वभर में प्रसिद्ध पैराग्लाइडिंग साइड बीड़ बिलिंग के एक्सपट्र्स ने शुक्रवार को इस साइट का दौरा किया और शाम साढ़े पांच बजे दूसरा व फाइनल ट्रायल कर हरी झंडी दी।
बीड़ बिलिंग पैराग्लाइडिंग एसोसिएशन के रेस्क्यू एंड री ट्रैवलिंग के इंचार्ज कर्णवीर सिंह, पायलट हरदेव ठाकुर व मंजीत ठाकुर ने बताया कि यह साइट सभी मानकों पर खरी उतरती है। टीम दो बार यहां के माहौल को आकर देख चुकी है। दो दिन से वे इसी पहाड़ी पर हैं। पायलट ने शुक्रवार को टेकआफ, हवा में उड़ान व लैंडिंग का सफल संचालन किया। चमरोड़ में पैराग्लाइडिंग हर लिहाज से उपयुक्त व सुरक्षित हैं। उनकी एसोसिएशन आगे पूरी सेवाएं देगी।
इसलिए हुआ साइट का चयन
पठानकोट जिले का धार क्षेत्र शिवालिक की पहाडिय़ों से जुड़ा हुआ है। धार में चमरोड़ स्थान रणजीत सागर झील से घिरा है, जहां सालभर पानी भरा रहता है। इसके एक तरफ पहाड़ी है और दूसरी तरफ समतल क्षेत्र। सात सौ मीटर से ज्यादा ऊंचाई होने के कारण पहाड़ी से टेक आफ लिया जा सकता है और निचला इलाका समतल होने के कारण लैंडिंग भी सुरक्षित है। आसमान से झील व शिवालिक का खूबसूरत नजारा भी देखने को मिलेगा। इसके अलावा चमरोड़ से 30 किलोमीटर दूरी डलहौजी है, जहां सालभर पर्यटकों का तांता लगा रहता है।
अभी यहां होती है पैराग्लाइडिंग
अभी तक पैराग्लाइडिंग के लिए हिमाचल के कांगड़ा के बीड़ बिलिंग व मनाली के सोलंग नाला ही जाना पड़ता था, लेकिन अब पठानकोट भी विकल्प बनेगा। वन विभाग की मानें तो इससे पठानकोट के पर्यटन को नया बूस्ट मिलेगा व लोकेशन दुनियाभर में नजर आएगी।
पर्यटन स्थल के रूप में किया जा रहा विकसित
पठानकोट शहर से महज तीस किलोमीटर दूर चरमोड़ की इस साइट को टूरिस्ट स्पाट बनाने का जिम्मा वन विभाग ने लिया है। उन्होंने साइट को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए चार हट्स बनाई है। प्राइवेट बोटिंग, जारबिंग बाल व नेचर ट्रेल की सुविधा भी मिलेंगी। फिलहाल पैराग्लाइडिंग के शुल्क पर कोई फैसला नहीं हुआ।