बैठक में शामिल हुए किसानों इस कदर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं कि उन्होंने सरकार का दिया खाना खाने से भी इनकार कर दिया है, वो अपना खाना साथ लेकर आए हैं.
नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों (Farm Bill 2020) को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच दिल्ली में बातचीत जारी है. केंद्र सरकार की तरफ से भी प्रेजेंटेशन दिया गया है. आपको बता दें कि सरकार और किसानों के बीच चौथे राउंड की बातचीत जारी है. बैठक में 40 संगठनों के किसान नेता शामिल हैं.
तीन कृषि कानून (Agricultural law) के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान (Farmer) दिल्ली बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार (Central Government) संसद में लाए गए तीनों कृषि कानून को रद्द करे. किसानों के प्रदर्शन को अब अन्य राज्यों के किसानेां का भी समर्थन मिलना शुरू हो गया है. ऐसे में सरकार की कोशिश है कि किसान संगठनों से बातकर जल्द से जल्द बीच का कोई रास्ता निकाला जाए. केंद्र सरकार से दूसरे दौर की बातचीत से पहले किसानों ने लिखित में सरकार के सामने अपनी मांगों को रखा गया है, जिनपर वो किसी भी तरह लिखित में गारंटी चाहते हैं.
पिछले एक हफ्ते से दिल्ली की सड़कों पर जारी किसान आंदोलन और भी तेज होता दिखाई दे रहा है. दिल्ली कूच करने के लिए हरियाणा और पंजाब के किसानों के साथ कई और संगठन भी जुड़ने लगे हैं. ट्रांसपोर्टरों की बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि अगर सरकार ने 2 दिनों के अंदर किसानों की बात नहीं मानी तो दिल्ली में सभी ट्रक, टैक्सियां बंद कर दी जाएंगी.
आइए जानते हैं कि किसान संगठनों ने सरकार के सामने कौन से 7 मांगे रखी हैं
तीनों कृषि कानून वापस लिए जाएं.
वायु प्रदूषण के कानून में बदलाव वापस हो.बिजली बिल के कानून में बदलाव है, वो गलत है.
MSP पर लिखित में भरोसा दे.
कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग पर किसानों को ऐतराज.
किसानों ने कभी ऐसे बिल की मांग की ही नहीं, तो फिर क्यों लाए गए.
डीजल की कीमत को आधा किया जाए.