हिन्दू कोआपरेटिव बैंक के खाताधारकों की संघर्ष कमेटी द्वारा चलाए जा रहे सत्याग्रह धरना का छठे महीने के सातवें दिन प्रवेश किया। आज धरने में उपस्थित सदस्यों में सरकार के प्रति काफी रोष देखा गया। संघर्ष कमेटी के प्रधान रजत बाली ने कहा कि कुछ दिन पहले एक लक्षमी विलास बैंक पर सरकार ने एक महीने की पाबंदी लगाई थी। जिसका घाटा 500 करोड रुपये था और उस बैंक को आज सरकार ने डी.सी.बी बैंक मे विलय भी कर दिया। जब इतना बडा बैंक सिर्फ़ दस दिन में ही किसी अन्य बैंक मे मर्ज हो सकता है तो हिन्दू कोआपरेटिव बैंक क्यों किसी अन्य बैंक मे मर्ज नही हो रहा। खाताधारक वरिन्द्र सागर ने कहा कि हमारे नेताओं की इच्छा शक्ति ही नही है कि बैंक मर्ज हो। बी.आर गर्ग उप प्रधान ने कहा कि हम पिछले छ महीने से सडकों पर धरने पर बैठे है परन्तु किसी राजनेता ने, किसी पार्टी ने हमारी सुध नही ली। संघर्ष कमेटी के दीपक ठाकुर ने कहा कि शहर की जनता को आगे आकर अपनी आवाज़ सरकार तक पहुंचानी होगी। जब तक हम इकट्ठे नही होते यह बैंक शुरु नही होगा। इस अवसर पर रजत बाली, बी.आर गर्ग, राजेश कुमार राजू, दीपक ठाकुर, संजीव कुमार, वरिन्द्र सागर, नरेश रैना, अशोक शर्मा, अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।