दिल्ली में सरकार के शादी-समारोह में अब केवल 50 मेहमानों के आदेश जारी होने से बाबुल (दुल्हन के पिता) बेहद परेशान हैं। वह अपने रिश्तेदार और बरात में आने वाले रिश्तेदारों को मैनेज करने में जुटे हैं। दुल्हन के पिता कुछ को मना कर रहे हैं तो कुछ को कम संख्या में शादी में शामिल होने की गुहार लगा रहे हैं। दुल्हन पक्ष का कहना है कि सरकार को इस आदेश को जारी करने से पहले शादी वाले घरों को समय देना चाहिए था, जिससे वह अपना इंतजाम कर सकते थे। अब जब सभी मेहमानों के घर शादी के कॉर्ड पहुंच गए हैं तो ऐसे में उन्हें मना करना एक शर्मिंदगी की बात बन रही है। उनका कहना है कि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि किस रिश्तेदार को बुलाएं और किसको मना करें। सरकार को यह फैसला लेने से पहले शादी वाले परिवारों की तरफ सोचना चाहिए था।
नई दिल्ली इलाके के वजीराबाद में रहने वाले भूल्लेराम ने कहा कि आगामी 8 दिसंबर को उनकी बेटी ज्योति की शादी है, जिसकी बरात लखनऊ से आएगी। शादी करने से पहले तय हुआ था कि बरात में करीब 150 लोग आएंगे। भूल्लेराम ने बताया कि बरात के 150 लोग और परिवार के करीब 200 व 100 जान पहचान के लोगों को वह बेटी की शादी के कार्ड बांट चुके हैं। सभी के घर जाकर उन्हें हाथ जोड़कर शादी में आने की बात कह चुके थे, लेकिन अब अचानक सरकार का यह फैसला आया कि अब शादियों में केवल 50 लोग शामिल होंगे। सरकार को फैसला बिल्कुल ठीक है, लेकिन सरकार को उन परिवारों की ओर जरूर सोचना चाहिए था, जो पिछले एक महीने से शादी की तैयारियां पूरी कर चुके थे।
उन्होंने बताया कि अब वह हर रिश्तेदार को फोन कर शादी में नहीं आने की बात कह रहे हैं। साथ ही बरात में भी 20 से 25 व्यक्तियों को लाने की बात की जा रही है। वहीं, फार्म हाउस वाले भी 50 से अधिक मेहमानों को प्रवेश देने की बात से मना कर रहे हैं।
वहीं, झंडेवालन इलाके में रहने वाले सुरेश शर्मा ने कहा कि 25 नवंबर को बेटी उर्वशी की शादी है। इसकी पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। शादी में करीब 300 व्यक्तियों के लिए बनने वाले खाने का सभी सामान भी ला दिया गया है। बारात और परिवार के सभी सदस्यों को निमंत्रण बंट चुके हैं, लेकिन अब दिल्ली सरकार ने केवल 50 लोगों के शामिल होने की बात कही है, जिससे परेशानी बढ़ गई है।