सिविल अस्पताल के सिविल सर्जन डाक्टर जुगल किशोर ने कहा कि त्योहार आ जाने पर बाजारों में लोगों की भीड़ फिर देखने को मिल रहा है। इसको देखते हुए ऐसा प्रतीक हो रहा है कि मानो कोरोना वायरस को लोग भूल ही गए हो। कोरोना वायरस जिले से खत्म नहीं हुआ है, बल्कि कम हुआ। अभी लोग इस बीमारी को हलके में न लें, जबकि कोविड-19 के नियमों की पालना कर मिशन फतेह का सहयोग करें, ताकि जिले को कोरोना मुक्त बनाया जा सके। सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देश के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। साथ ही जिला प्रशासन की मदद से आगामी रणनीति बनाई जाएगी।
प्रदेश सरकार ने निर्देश जारी कर सेहत विभाग को सतर्क रहने के लिए कहा है। इसमें कोरोना का दूसरा चरण दिसंबर आने की संभावना जताई गई है। नवंबर व दिसंबर इस लिहाज से जोखिम भरा रहेगा। जिले में जितने भी फ्लू कार्नर बनाए गए हैं उन सभी पर आरटीपीसीआर सैंपलिग बढ़ने को कहा गया है। साथ ही आदेश जारी कर कहा गया है कि कोविड-19 के चलते किसी भी तरह की कोई ढील न दी जाए। लोगों को ज्यादा से ज्यादा कोविड-19 संबंधी जागरूक किया जाए।
सरकार के सेहत विभाग को आदेश जारी किए गए है कि जिले की सभी मंडियों में कैंप लगाकर सैंपलिग की जाए। त्योहारी सीजन में मंडियों में भी काफी भीड़ होने लगी है। इसी तरह जिले के जितने भी सेहत केंद्र है उनमें भी आरटीपीसीआर सैंपलिग बढ़ाई जाए। अगर अस्पताल में कोई खांसी, बुखार, सांस लेने में समस्या आदि कोरोना के लक्षण के मरीजों की सैंपलिग जरूर की जाए, ताकि समय रहते कोरोना मरीज का पता लगा उसका उपचार शुरू किया जा सकें।
सेहत विभाग की टीमें जो कोविड-19 में शहर या गांव में जाकर पहले सैंपलिग करती थी, उसे कार्य को दोबारा शुरू किया जाएगा। एक टीम को कम से कम दो सौ से अधिक लोगों की सैंपलिग के लिए बोला जाएगा। ताकि बड़े स्तर पर लोगों की सैंपलिग कर कोरोना वायरस के लक्षण का पता लगाया जा सके। ये सैंपलिग पूरे जिले में निश्शुल्क की जा रही है।