फ्रांस (France) समेत यूरोप (Europe) के कई देशों में कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की दूसरी लहर शुरू होने की बात कही जा रही है. फ्रांस में हाल के दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी गई है. ऐसे में फ्रांस सरकार ने एक बार फिर से देश में लॉकडाउन (Lockdown) लगाने की घोषणा की है. लॉकडाउन की घोषणा के चलते गुरुवार को फ्रांस की सड़कों पर भारी जाम देखने को मिला. जल्दी से अपने घर पहुंचने के लिए बड़ी संख्या में लोग एकसाथ ही अपनी गाड़ियों से निकल पड़े.
गुरुवार शाम को राजधानी पेरिस के एक इलाके में तो 700 किलोमीटर लंबा जमा देखने को मिला. दरअसल, कोरोना के चलते यूरोप में जब पहली बार लॉकडाउन लगा तो लोग कई हफ्तों तक अपने-अपने घरों में बंद रहे. लॉकडाउन के इस अनुभव की वजह से भी लोग जल्दबाजी में नजर आए.
स्वास्थ्य व्यवस्था बिगड़ने का अंदेशा
फ्रांस सरकार को इस बात का डर है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले देश की स्वास्थ्य व्यवस्था को बिगाड़ सकते हैं. ऐसे में अथॉरिटीज ने एक बार फिर से शुक्रवार से चार हफ्तों के लॉकडाउन की घोषणा की है. राजधानी पेरिस के कई इलाकों में अब काफी कम चहल-पहल नजर आ रही है. सड़कों पर आने के लिए लोगों की खास तरह की इजाजत लेनी पड़ रही है.
49,215 नए मामले आए सामने
बता दें कि फ्रांस में कोरोनोवायरस महामारी की दूसरी लहर को रोकने के लिए राष्ट्रीय लॉकडाउन के पहले दिन कोरोनो संक्रमण के 49,215 नए मामले सामने आए हैं. लोक स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा जारी आंकड़ों ने यह दर्शाया.
शुक्रवार को जारी अंकड़ों ने दर्शाया कि महामारी के फैलने के बाद से कुल मामलों की संख्या 1,331,984 तक पहुंच गई है. पिछले 24 घंटों में 256 और लोगों की जान चली गई, जिससे कोरोना की वजह से मरने वालों की संख्या 36,565 हो गई. कोरोना के करीब 22,153 लोग वर्तमान में अस्पताल में भर्ती हैं, जिसमें 3,368 इन्टेन्सिव केयर में हैं.
गुरुवार आधी रात से दूसरा राष्ट्रीय लॉकडाउन
फ्रांस ने गुरुवार आधी रात से दूसरा राष्ट्रीय लॉकडाउन लागू किया. लोग केवल काम, स्वास्थ्य आपातकाल, आवश्यक पारिवारिक जरूरतों या घर के पास थोड़े समय के व्यायाम के लिए बाहर जा सकते हैं. बार, कैफे, जिम और रेस्तरां सहित गैर-आवश्यक दुकानें बंद हैं.
सरकार को उम्मीद है कि एक महीने के लॉकडाउन से कोविड-19 संक्रमणों की दैनिक संख्या 5,000 में कटौती करने में मदद मिलेगी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना था कि नए प्रतिबंधों के लाभदायक साबित होने के लिए अधिक समय की आवश्यकता है.