सेंट्रल वाल्मीकि सभा पंजाब भारत के प्रधान एडवोकेट ज्योति पाल भीम, सफाई कर्मचारी यूनियन के प्रधान रमेश पप्पू, मनोज कुमार एवं रमन देवी ने हाथरस गैंगरेप मामले में राष्ट्रीय कमीशन फॉर अनुसूचित जाति के चेयरमैन उनका विरोध किया और दोषियों को फांसी दिलवाने की मांग को लेकर नारेबाजी की। इस दौरान एडवोकेट ज्योति पाल भीम ने कहा कि अनुसूचित जाति कमीशन भारत ने हाथरस केस की पीड़ित का संज्ञान नहीं लिया है। जिससे यह सामने आया है कि राष्ट्रीय कमीशन शैड्यूल कास्ट राजनीति दबाव के नीचे काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि शेड्यूल कास्ट कमीशन एक संविधानिक पावर है जो गरीब व अनुसूचित जाति के लोगों की रक्षा के लिए बनाया गया है, परंतु अभी तक हाथरस केस में राष्ट्रीय कमीशन ने कुछ भी नहीं किया है और दूसरी तरफ यूपी के मुख्यमंत्री, हाथरस के डीएम तथा पुलिस प्रशासन पीड़ित परिवार को डराने धमकाने में लगा है। जिसमें कमीशन को संज्ञान लेते हुए तुरंत दोषी व्यक्तियों के खिलाफ तथा डीएम तथा मुख्यमंत्री के खिलाफ अनुसूचित जाति कानून के अधीन कार्रवाई करनी चाहिए थी, परंतु राष्ट्रीय कमीशन चुप्पी साधे बैठा हुआ है। इसके कारण कमीशन के प्रति वाल्मीकि भाईचारे में तथा दलित भाईचारे में रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कमिशन संज्ञान लेता और पीड़ित बाल्मीकि जाति की पीड़ित को न्याय दिलाने की कोशिश करता तो आज देश में यह हाल नहीं होने थे। उन्होंने कहा कि वाल्मीकि भाईचारे ने प्रण कर लिया है कि जब तक पीड़िता के दोषियों को फांसी पर नहीं चढ़ाया जाएगा, तब तक शांति से नहीं बैठेंगे। इस दौरान कई सदस्य उपस्थित थे।