Bवहीं एसआईटी (SIT) को सभी लोगों के नारको और पॉलीग्राफ टेस्ट कराने के निर्देश दिये है.
हाथरस कांड में योगी सरकार की ओर से बड़ी कार्रवाई की गई है. हाथरस के एसपी, डीएसपी और इंस्पेक्टर पर गाज गिरी है. तीनों को सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं, थाने के सभी पुलिसकर्मियों का नारको पॉलीग्राफ टेस्ट कराया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर और कुछ अन्य के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
थाने के पुलिसकर्मियों, वादी, प्रतिवादी सभी का होगा पॉलीग्राफी टेस्ट कराया जाएगा. निलंबित होने वाले अधिकारियों के नाम एसपी विक्रांत वीर, सीओ राम शब्द, इंस्पेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, एसआई जगवीर सिंह हैं.
हाथरस (Hathras) गैंगरेप केस को लेकर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी (Yogi Adityanath) सरकार ने अब सख्त रुख अपना लिया है. उन्होंने खुद दोषियों को जल्द से जल्द भविष्य के लिए उदाहरण प्रस्तुत करने वाला दंड देने की बात कही है. वहीं प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर मौजूदा एसपी, डीएसपी, इंस्पेक्टर व कुछ अन्य के खिलाफ सस्पेंशन की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
इसके साथ सीएम योगी ने वादी प्रतिवादी प्रशासन सभी लोगों का नार्को पॉलीग्राफ टेस्ट जल्द से जल्द कराने के भी निर्देश जारी किए हैं. यानी अब दोनों पक्षों समेत अधिकारियों का भी नार्को टेस्ट कराया जाएगा.
बताया जा रहा है कि जिस प्रकार हाथरस प्रशासन ने इस पूरे मामले को हैंडल किया है उससे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज हैं और जल्द ही कार्रवाई के आसार हैं.
वहीं पीड़िता के घर जाने पर मीडिया बैन को भी जल्द खत्म किया जा सकता है. आपको बता दें कि डीएम प्रवीण कुमार पर गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वो परिवार को धमकाने और दबाव डालने का प्रयास कर रहे हैं.
गुरुवार को हाथरस से एक वीडियो भी सामने आया था जिसमें जिले के डीएम पीड़ित परिवार को धमकी देते हुए दवाब बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वो वीडियो में पीड़ित परिवार से अपना बयान बदलने को कहते नजर आ रहे हैं. हालांकि वीडियो वायरल होने पर उनसे जब सवाल किए गए तो उन्होंने वीडियो को भी गलत बता दिया और कहा कि वो सिर्फ पीड़ित परिवार का हाल जानने गांव में गए थे.