विनिर्माताओं का कहना है कि टेलीविजन निर्माण में महत्वपूर्ण उपकरण ओपन सेल पैनलों के आयात पर दी जा रही छूट एक अक्टूबर से समाप्त की जा रही है जिससे टेलीविजन विनिर्माण प्रभावित होगा।
एक अक्टूबर से ओपन सेल पर पांच प्रतिशत सीमा शुल्क लगेगा। टेलीविजन निर्माण की लागत में इसकी हिस्सेदारी 65-70 फीसदी तक होती है। इस उपकरण पर सीमा शुल्क पर एक वर्ष के लिए छूट दी गयी थी जो 30 सितंबर को समाप्त हो रही है।
टीवी की मैन्युफैक्चरिंग में इस्तेमाल होने वाले ओपन सेल के आयात पर पांच फीसदी सीमा शुल्क एक अक्टूबर से फिर लगाया जाएगा. एक साल की छूट अवधि समाप्त होने के बाद यह शुल्क लगाया जा रहा है. वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने यह जानकारी दी. सरकार ने पिछले साल टेलीविजन के महत्वपूर्ण उपकरण ओपन सेल पर एक साल के लिये यानी 30 सितंबर तक सीमा शुल्क से छूट दी थी. इसका कारण घरेलू उद्योग का क्षमता निर्माण के लिये समय मांगना था.
वित्त मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि छूट की अवधि समाप्त होने के साथ ओपन सेल पर 5 फीसदी शुल्क एक अक्टूबर से लगाया जाएगा. यह कदम टेलीविजन और उसके कल-पुर्जों की चरणबद्ध मैन्युफैक्चरिंग योजना को आगे बढ़ाने व सभी उपकरणों के लिये आयात पर निर्भरता में कमी लाने के लिए महत्वपूर्ण है. भारत में मैन्युफैक्चरिंग हमेशा के लिये आयात के दम पर जारी नहीं रह सकती.’’
पिछले साल तक 7000 करोड़ के टीवी का इंपोर्ट
पिछले साल तक 7,000 करोड़ रुपये मूल्य के टेलीविजन आयात किये गये थे. सरकार सीमा शुल्क ढांचे के जरिये टेलीविजन उद्योग की मदद कर रही है. दिसंबर 2017 से टेलीविजन के आयात पर 20 फीसदी सीमा शुल्क लगाया गया है. इतना ही नहीं इस साल जुलाई से टेलीविजन आयात को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है. टेलीविजन मैन्युफैक्चरर्स को आयात से पूरी तरह से राहत दी जा रही है. टेलीविजन उद्योग की दलील है कि वह दबाव में है क्योंकि पूर्ण रूप से तैयार पैनल की कीमत 50 फीसदी बढ़ गयी है और ओपन सेल पर 5 फीसदी सीमा शुल्क से टेलीविजन की कीमत करीब 4 फीसदी बढ़ेगी.
किस साइज की टीवी कितनी हो जाएगी महंगी
उनका कहना है कि 32 इंच के टेलीविजन का दाम 600 रुपये और 42 इंच का दाम 1,200 से 1,500 रुपये बढ़ेगा. बड़े आकार के टेलीविजन के दाम में अधिक वृद्धि होगी. वित्त मंत्रालय के सूत्र ने कहा कि प्रमुख ब्रांड 32 इंच टीवी के लिये 2,700 रुपये और 42 इंच के लिये 4,000 से 4,500 रुपये की मूल कीमत पर ओपन सेल आयात कर रहे हैं. ऐसे में अगर ओपन सेल पर 5 फीसदी शुल्क लगाया जाता है, यह 150 से 250 रुपये प्रति टेलीविजन से अधिक नहीं होगा. जब तक ओपन सेल की मैन्युफैक्चरिंग घरेलू स्तर पर नहीं होती, मैन्युफैक्चरिंग में सही मायने में तेजी नहीं आ सकती.
उद्योग फिलहाल ज्यादातर कल-पुर्जे आयात कर टेलीविजन की एसेंबलिंग कर रहा है. टीवी मैन्युफैक्चरर्स सालाना 7,500 करोड़ रुपये मूल्य के कल-पुर्जे आयात करते हैं. सूत्र ने कहा, ‘‘सीमा शुल्क लगाये जाने से घरेलू मैन्युैक्चरर्स को ओपन सेल जैसे महत्वपूर्ण उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग को लेकर प्रोत्साहन मिलेगा.