इजरायल ने शुक्रवार को देश में दोबारा नेशनल लॉकडाउन लागू कर दिया. तीन हफ्ते तक लोगों पर सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं. लोग अपने घरों से एक किमी से दूर नहीं जा सकते. दोबारा नेशनल लॉकडाउन लागू करने वाला इजरायल दुनिया का पहला देश है. लेकिन कई अन्य देश भी कोरोना की दूसरी लहर के खतरे का सामना कर रहे हैं.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि ब्रिटेन में कोरोना की दूसरी लहर आती दिख रही है. उन्होंने छह महीने तक पाबंदियां लगाने की आवश्यकता जताई है. बोरिस जॉनसन का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर को लेकर ब्रिटेन स्पेन और फ्रांस से 6 हफ्ते पीछे है. उन्होंने कहा कि यह निश्चित है कि ब्रिटेन में दूसरी लहर आएगी.
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने यूरोप में कोरोना की दूसरी लहर को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है. WHO का कहना है कि यूरोप में खतरनाक रूप से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. WHO के क्षेत्रीय निदेशक हंस क्लूज ने कहा कि केस बढ़ने को चेतावनी के तौर पर लेना चाहिए कि आगे क्या होने वाला है.
एम्स निदेशक ने कहा, “लोगों को कम से कम एक साल के लिए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनने जैसी अन्य सावधानियों का पालन करना जारी रखना चाहिए. भारत ने पिछले 24 घंटे में 17 हजार मामले दर्ज किए और केवल पांच महीनों में 4.7 लाख के आंकड़े को पार कर गया है. देश लंबे लॉकडाउन के बाद अनलॉक होने की प्रक्रिया में है. लिहाजा सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है. इससे हम दूसरी लहर से बच सकेंगे, क्योंकि वायरस दूर नहीं जा रहा है. इससे बचाव ही समाधान है.”
दूसरी लहर को लेकर एम्स निदेशक ने कहा, “मामलों में गिरावट के बाद सावधानियां न बरतने से सिंगापुर जैसी स्थिति बन सकती है, जहां कोरोनावायरस की दूसरी लहर ने जमकर नुकसान पहुंचाया. भारत भी दूसरी लहर के लिए संवेदनशील है.” कोविड-19 के मामलों में तेजी से वृद्धि को देखते हुए क्या एक और लॉकडाउन की जरूरत पड़ सकती है, इस पर उन्होंने कहा, ” हमें हॉटस्पॉट जैसे सीमित क्षेत्रों में लॉकडाउन की आवश्यकता हो सकती है. इसके बाद एक सूक्ष्म योजना बनाई जानी चाहिए, जिससे लोगों के व्यापक परीक्षण और कॉन्टेक्ट ट्रैसिंग का पता लगाया जाए. इन क्षेत्रों से केस लीक न हों, ये सुनिश्चित करना भी बेहद जरूरी है.”