साहित्य संवाद संस्था पठानकोट की ओर से अध्यक्ष डॉ मनु मेहरबान की अध्यक्षता में ऑनलाइन साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें ऑस्ट्रेलिया से सरदार इंदरजीत सिंह मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित हुए जबकि प्रख्यात शायर अंबाला से अंजलि सिफर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से रीता कुमारी देवी अहिल्या बाई विश्वविद्यालय इंदौर से रजनी झा गवर्नमेंट कॉलेज धर्मशाला से डॉक्टर गौरव महाजन जोधपुर से राखी पठानकोट से रमन गुप्ता मधुलिका व वान्या ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत की अध्यक्ष डॉ मनु मेहरबान ने कहा कि साहित्य संवाद का मुख्य उद्देश्य नए साहित्यकारों को मंच प्रदान करना है और प्रख्यात साहित्यकार पटल पर उपस्थित होकर उनका मार्गदर्शन करते हैं डॉक्टर मनु मेहरबान ने अपना कलाम ताजा हवा के झोंके दिल को लुभा रहे हैं हम गीत गा रहे हैं वह मुस्कुरा रहे हैं उनके भी दिल में शायद जागी है चाहे मेरी मेरे ही गीत देखो मुझको सुना रहे हैं प्रस्तुत की तो वहीं नन्ही कवित्री वान्या ने अमृता प्रीतम की रचना आज आखा वारिस शह नू किते कबरा विचो बोल पेश कर खूब वाहवाही लूटी प्रख्यात शायरा अंबाला से मोहतरमा अंजलि सिफर ने अपना कलाम दुख सुख का यह ताना बाना लाजिम है जीवन है तो खोना पाना लाजिम है याद तेरी जब नींद उड़ा कर ले जाए तारे गिन कर रात बिताना लाजिम है न पेश कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया मधुलिका ने करोना पर अपनी रचना पेश कर सबको सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने का आह्वान किया गवर्नमेंट कॉलेज धर्मशाला से डॉक्टर गौरव महाजन ने अपनी कविता वक्त प्रस्तुत की बड़ा मशरूफ सा इंसान कहता था वक्त नहीं है इस पर मौजूदा हालात पर अपने भाव व्यक्त किए वही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी अलीगढ़ से रीटा कुमारी में कविता शांति दूत के माध्यम से शांति का आह्वान किया वे शांति चाहते हैं दुनिया को खतरनाक हथियारों से लैस होकर वे युद्ध कर शांति चाहते हैं जनाब रमन गुप्ता ने डॉ बशीर बद्र की गजल अब तो बेटे भी चले जाते हैं होकर रुखसत सिर्फ बेटी को ही मेहमान ना समझा जाए पेश की वहीं राखी ने गजल मेरे बारे मैं बड़े गौर से सोचा होगा प्रस्तुत की मुख्य अतिथि सरदार इंद्रजीत सिंह ने साहित्य संवाद के प्रयास की सराहना की उन्होंने कहा कि साहित्य संवाद जो कार्य कर रहा है वह प्रशंसनीय है उन्होंने अपनी रचना बेटी तरन्नुम में प्रस्तुत कर सब को भावविभोर कर दिया मंच संचालन का दायित्व डॉक्टर मनु मेहरबान ने निभाया