पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बुधवार को किसानों से अपील की कि कृषि बिलों के विरोध में किए जा रहे रोष प्रदर्शनों में ट्रैफिक़ जाम न किया जाए और न ही धारा 144 का उल्लंघन किया जाए। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही यह स्पष्ट किया कि धारा 144 का उल्लंघन के मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया जाएगा, क्योंकि वह अपनी जि़ंदगी और रोज़ी-रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
पंजाब कांग्रेस द्वारा कृषि विरोधी बिलों के खि़लाफ़ पंजाब के राज्यपाल को माँग पत्र देने के बाद राज भवन के बाहर पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन प्रदर्शनकारी किसानों के खि़लाफ़ धारा 144 का उल्लंघन के पहले ही केस दर्ज हो चुके हैं, वह वापस लिए जाएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसान इसलिए कानून का उल्लंघन कर रहे हैं क्योंकि यह अध्यादेश उनके और उनके परिवारों को बर्बाद कर देंगे।
मुख्यमंत्री ने यह बात ज़ोर देकर कही कि राज्य कांग्रेस और राज्य सरकार किसानों के साथ है। उन्होंने कहा कि केंद्र के कानून पंजाब और कृषि को तबाह कर देंगे, जो आर्थिकता की रीढ़ की हड्डी है। उन्होंने कहा कि यह अध्यादेश न्युनतम समर्थन मूल्य के ख़ात्मे का रास्ता साफ करेंगे, जो पंजाब और समूचे देश के लिए बहुत घातक सिद्ध होंगे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसानों से अपील की कि वह अपने रोष प्रदर्शनों को दिल्ली केंद्र सरकार की द्वार तक लेकर जाएँ और कांग्रेस पार्टी उनको विश्वास दिलाती है कि इस संघर्ष में वह उनके साथ हैं।