स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू की तरफ से आज कोविड -19 से सम्बन्धित कामों के लिए मान्यता प्राप्त सोसल हैल्थ ऐकटीविस्टस (आशा) को 1500 रुपए का अतिरिक्त मान भत्ता देने का ऐलान किया गया है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये स. सिद्धू ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य भर के 20,000 से अधिक आशा वर्करों और आशा फैसिलीटेटर (17,174 ग्रामीण आशा वर्कर, 2,532 शहरी आशा वर्कर और 869 आशा फैसिलीटेटर) की तरफ से कोविड -19 के फैलाव की रोकथाम सम्बन्धी सहयोग देने के लिए किये जा रहे यत्नों को मान्यता दी है।
इसमें कोविड -19 के फैलाव और रोकथाम, संपर्क ट्रेसिंग, टेस्टिंग करवाने की सुविधा आदि के साथ सम्बन्धित मुख्य पहलूओं पर घर -घर जा कर जागरूकता फैलाना शामिल है।
आशा वर्करों की तरफ से किये जा रहे यतनों के बारे जानकारी देते हुये उन्होंने कहा कि आशा वर्करों ने स्क्रीनिंग मुहिम के अंतर्गत 50 लाख से अधिक घरों को कवर किया है और लगभग 2.5 करोड़ आबादी का सर्वेक्षण किया है। उन्होंने कहा कि आशा वर्कर स्वास्थ्य प्रणाली के महत्वपूर्ण सदस्यों में से एक हैं जो कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के लिए ज़मीनी स्तर पर सक्रियता से काम कर रही हैं।
कोविड -19 के साथ सम्बन्धित अतिरिक्त कामों के मद्देनजऱ राज्य की तरफ से आशा वर्करों को जनवरी, 2020 से 1000 रुपए प्रति महीना मान भत्ता दिया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार की तरफ से घर -घर जा कर सर्वेक्षण करने के लिए आशा वर्करों को अप्रैल से जून 2020 तक 1500 रुपए प्रति महीना अतिरिक्त मान भत्ता भी दिया गया है।
पंजाब सरकार की तरफ से अगस्त 2020 तक आशा वर्करों को मान भत्ता देने पर तकरीबन 25 करोड़ रुपए ख़र्च किये गए हैं।
आशा वर्करों और आशा फैसिलीटेटर की तरफ से निभाई जा रही भूमिका को कोविड योद्धा के तौर पर मान्यता देते हुये पंजाब सरकार कोविड के साथ सम्बन्धित अतिरिक्त कामों के लिए जुलाई महीने से 1500 रुपए प्रति महीना मान भत्ता देना जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि कोविड -19 के लिए पॉजिटिव पाये जाने वाले आशा वर्करों और फैसिलीटेटर को 10,000 रुपए की विशेष सहायता राशि भी प्रदान की जा रही है।
स. सिद्धू ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के डायरैक्टर को हिदायत की कि वह हर महीने की 7 तारीख तक आशा वर्करों और फैसिलीटेटर को समय पर अदायगियाँ यकीनी बनाएं।