हाइलाइट्स:
- पंजाब के पठानकोट क्रिकेटर सुरेश रैना के रिश्तेदारों की हत्या का मामला पंजाब पुलिस ने सुलझा लिया
- मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार, तीनों आरोपी एक अंतरराज्यीय लुटेरों-अपराधियों के गैंग के सदस्य
पंजाब पुलिस क्रिकेटर सुरेश रैना के फूफा और फुफेरे भाई की हत्या करने के अलावा बाकी परिवार को घायल करने वाले अपराधियों तक पहुंच गई है। इस खतरनाक वारदात को अंतर राज्यीय लुटेरा गिरोह ने अंजाम दिया था। इस बात की पुष्टि करते हुए बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बताया कि पुलिस गिरोह के 3 लोगों को पकड़ चुकी है। डीजीपी दिनकर गुप्ता के मुताबिक पकड़े गए आरोपियों की पहचान राजस्थान के झुंझुनू के पिलानी झुग्गी निवासी सावन उर्फ मैचिंग, मुहब्बत और शाहरुख खान के रूप में हुई है, जो हाल में चिड़ावा में रह रहे हैं। पुलिस ने इनसे घटना में लूटी गई ठेकेदार अशोक कुमार की सोने की अंगूठी, सोने की एक लेडीज रिंग, सोने की दो लेडीज चेन के अलावा 1530 रुपए और दो डंडे बरामद किए हैं। इनके बाकी 11 साथियों की तलाश जारी है।
लूट की घटना में ठेकेदार अशोक और बड़े बेटे की हो चुकी है मौत, पत्नी अभी भी अस्पताल में
घटना बीती 19 अगस्त की रात पठानकोट जिले के गांव थरियाल की है। यहां ठेकेदार अशोक कुमार के सोए हुए परिवार पर बदमाशों ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया था। हमले में ठेकेदार अशोक कुमार की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि उनकी पत्नी आशा रानी (55), मां सत्या देवी (80) के अलावा उसके दोनों बेटे कौशल कुमार (32), अपिन कुमार (28) घर में लहूलूहान में बेहोशी की हालत में पड़े मिले। बाद में 31 अगस्त की रात अस्पताल में भर्ती कौशल कुमार ने भी दम तोड़ दिया था। इसी बीच पता चला था कि यह परिवार क्रिकेटर सुरेश रैना की बुआ का था। ठेकेदार अशोक कुमार की मां सत्या देवी और छोटे बेटे को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है, वहीं पत्नी आशा रानी अभी भी उपचाराधीन हैं।
ख्यमंत्री ने आईजी बॉर्डर रेंज की कमान में बनाई थी एसआईटी
डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि इस घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आईजी पुलिस बॉर्डर रेंज, पठानकोट के एसएसपी, एसपी इन्वेस्टीगेशन और धार कलां के डीएसपी पर आधारित एक एसआईटी बनाई थी। शाहपुर कंडी थाने में दर्ज इस केस की जांच में एसआईटी ने 100 से ज्यादा लोगों को शामिल किया।
इसी बीच 15 सितंबर को सूचना मिली कि 3 संदिग्धों को डिफेंस रोड पर देखा गया है, जो घटना के बाद से पठानकोट रेलवे स्टेशन के पास स्थित झुग्गियों में शरण लिए हुए हैं। तुरंत छापा मारकर इन तीनों को पुलिस ने धर-दबोचा। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ये लोग कुछ अन्य के साथ मिलकर उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के विभिन्न हिस्सों में एक गिरोह चला रहे हैं। नहर, रेलवे लाइन, हाई वोल्टेज पावर लाइन और ऐसी ही कई जगह चोरी की घटना को अंजाम देने के लिए दो-तीन के गुट में निकलते हैं।
12 अगस्त को ऑटो में सवार होकर पहुंचे थे बदमाश, 14 को जगराओं में लूट की
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के निवासी सावन ने एसआईटी को बताया कि 12 अगस्त को चिड़ावा के रहने वाले नौसौ के ऑटो पीबी 02 जी 9025 में एक समूह के रूप में सवार होकर पहुंचे थे। नौसौ के साथ राशिद, रेहान, जबराना, वाफिला, तवज्जल बीबी और एक अज्ञात व्यक्ति भी था। जगराओं पहुंचकर इन्होंने रींडा, गोलू और साजन को भी साथ लिया। लुधियाना में हार्डवेयर की एक दुकान से आरी, 2 संडासी और एक पेचकस खरीदा तो गारमेंट्स शॉप से कुछ कच्छा-बनियान खरीदे। 14 अगस्त की रात को जगराओं में लूट की एक वारदात को अंजाम देने के बाद पठानकोट के लिए निकल पड़े।
आरोपियों ने कबूला इस तरह दिया था वारदात को अंजाम
डीजीपी के मुताबिक आरोपियों ने कबूला कि पठानकोट में एरिया को अच्छे से जानने वाले संजू उर्फ छज्जू को भी साथ लिया। 19 अगस्त की रात को करीब 8 बजे राशिद, नौसौ और संजू सफेदे के पेड़ से डंडे काटकर लेकर आए। रैकी करके एक शटरिंग शॉप से बांस की सीढ़ियां चुराकर पहले दो घरों को निशाना बनाया। इसके बाद तीसरा घर ठेकेदार अशोक कुमार का था। साइड की दीवार से सीढ़ी लगाकर पांच लोग अंदर घुसे। वहां बिस्तर पर सोए तीन लोगों को सिर पर वार करके घायल करके आगे बढ़ गए। अंदर जाकर दो और लोगों को चोटिल करके नकदी, सोने के गहने वगैरह लूटे और फरार हो गए।