- शर्मा ने कहा- जब कांग्रेस के नेता सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हैं तो उन पर परचा क्यों नहीं होता?
- शर्मा ने कहा- कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा और अरुणा चौधरी ने भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया था
घरथौली में राजनीतिक मीटिंग करके सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेंन न करने का भाजपा पंजाब प्रधान अश्वनी शर्मा समेत 5 लोगों पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। साथ ही 40 अज्ञात लोगों पर भी केस किया है। इससे सियासत गर्मा गई है। अश्वनी शर्मा ने कहा कि जब कांग्रेस के विधायक और मंत्री सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हैं तो उन पर परचा क्यों नहीं होता?
लाॅकडाउन के दौरान कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर बाजवा और अरुणा चौधरी ने भी डिप्टी कमिश्नर ऑफिस में कार्यक्रमों में हिस्सा लिया जहां भी सोशल डिस्टेंसिंग तोड़ी गई थी। मंत्री अरुणा चौधरी ने 2 दिन पूर्व 12 सितंबर को ही डीसी ऑफिस में स्मार्ट कार्ड वितरण का शुभारंभ किया जिसमें भी डिस्टेंसिंग टूटी लेकिन पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज करने में कुछ अधिक तेजी दिखाई।
सत्ता पक्ष और विपक्ष के लिए राज्य में अलग कानून : शर्मा
भाजपा के प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा का कहना है कि कांग्रेस और विपक्ष के लिए राज्य सरकार के कानून अलग हैं। कांग्रेस के नेता उद्घाटन करें या कोई सभा करें तो उन पर कोई मामला दर्ज नहीं किया जाता और अगर विपक्ष के नेता अपने कार्यकर्ताओं से उनके घर मिलने जाते हैं या वहां बैठ कर बातचीत करते हैं तो उन पर वहां के कांग्रेस नेता के इशारे पर मामला दर्ज कर दिया जाता है।
इस बारे में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस सरकार पंजाब के लोगों का ध्यान स्थानीय मुद्दों से हटाने का प्रयास कर रही है। कोरोना महामारी के नियमों की आड़ में विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है। उन्होंने कहा कि कैप्टन बताएं कि क्या कोरोना महामारी के नियम केवल विपक्ष के लिए हैं। उनके विधायक, मंत्री और नेताओं पर यह नियम क्यों लागू नहीं किए जाते। जिस मीटिंग का हवाला देकर हमारे ऊपर पर्चा दर्ज किया है। उसमें सोशल डिस्टेसिंग का पालन किया गया और मास्क लगाए गए थे। अपने कार्यकर्ताओं का हालचाल पूछना कोई जुर्म नहीं है। कांग्रेस प्रदेश प्रधान ने गुरदासपुर में मीटिंग की जिसमें 200 लोग थे। विधायक विकास कार्यों के उद्घाटन में 100 लोगों को लेकर गलियों में घूमते रहे। सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ी लेकिन, पर्चा सिर्फ भाजपा प्रधान पर किया गया।
शराब माफिया, माइनिंग माफिया, वजीफा घोटाला जैसे कांडों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए सरकार विपक्ष की आवाज दबाना चाहती है। यह कांग्रेस की छोटी सोच है ऐसे परचों से भाजपा डरने वाली नहीं। जिला भाजपा के पूर्व प्रधान अनिल रामपाल ने कहा कि जब कांग्रेस के नेता सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हैं तो पुलिस केस नहीं दर्ज करती।