डॉ. अरुण शर्मा कई दिनों से ग्रीन एवेन्यू में स्थित एक निजी अस्पताल में दाखिल थे। वीरवार से उनकी तबीयत बिगड़ रही थी। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन उनके फेफड़े ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे थे। कोरोना वायरस की वजह से उनके अंदरूनी अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। वे दिल के मरीज भी थे। टीम ने शनिवार को जवाब दे दिया। 54 वर्षीय डॉ. अरुण ने रविवार सुबह साढ़े सात बजे अस्पताल में दम तोड़ दिया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर डॉ. अरुण को श्रद्धांजलि दी। डॉ. अरुण शर्मा का अंतिम संस्कार दुर्ग्याणा तीर्थ स्थित शिवपुरी धाम में दोपहर दो बजे किया गया। उनके अंतिम संस्कार में स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, सांसद गुरजीत सिंह औजला, कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सोनी समेत कई पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल हुए। बलबीर सिद्धू ने कहा कि डॉ. शर्मा एक कुशल डॉक्टर व अधिकारी थे। उनके निधन से पंजाब को गहरा सदमा लगा है। उन्होंने डॉ. शर्मा के परिवार को ढांढस बधाया। अंतिम संस्कार के मौके पर पंजाब पुलिस की टुकड़ी ने हथियार उल्टे कर डा. अरुण को श्रद्धांजलि भेंट की। डॉक्टर जेएस ग्रोवर ने कहा कि डॉ. अरुण शर्मा उनके क्लास मेट थे।
सिविल अस्पताल में कार्यरत 17 डॉक्टर और कई कर्मचारी संक्रमित
सिविल अस्पताल में कार्यरत 17 डॉक्टर और सहयोगी स्टाफ कोरोना पॉजिटिव हो चुका है। अस्पताल में कोविड कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। यहां हर रोज सैकड़ों की भीड़ जुटती है। इसके बावजूद प्रशासन की ओर से अस्पताल को नियमित रूप से सैनिटाइज नहीं करवाया जा रहा है। एसोसिएशन के प्रधान दीपक राय देवगन और महासचिव डॉ. संजीव आनंद ओपीडी बंद करने की मांग रहे हैं।
17 अगस्त को उनकी रिपोर्ट पाॅजिटिव आई थी। उन्हें फेफड़ों में दिक्कत थी। 23 अगस्त को उन्होंने दूसरे मरीजों का हौसला बढ़ाने के लिए वेंटिलेटर पर होने के बावजूद पंजाबी गाने पर खूब डांस किया था। वीडियो जारी कर कोरोना से न डरने और सावधानी बरतने का संदेश भी दिया था।
आखिरी सांस तक फर्ज निभाया
डॉ. अरुण 5 माह से कोरोना के खिलाफ जंग में उतरे हुए थे और आखिरी सांस तक फर्ज निभाया। उन्हें एयर एंबुलेंस से पीजीआई ले जाना चाह रहे थे लेकिन इसी बीच मौत हो गई। –बलबीर सिद्धू, मंत्री
सेवा हमेशा याद रखी जाएगी
डॉ. शर्मा ने महामारी में जो सेवा की है वह हमेशा याद रखी जाएगी। एक फौजी की तरह उन्होंने आखिरी सांस तक लड़ाई लड़ी। हमेशा याद रखा जाएगा। -ओपी सोनी, मंत्री