मुख्य बातें
- दिल्ली में दो खालिस्तानी आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है
- उन पर पंजाब में खालिस्तान का झंडा फहराने का आरोप है
- ये आतंकी प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस से भी जुड़े रहे हैं
- घटना का मास्टरमाइंड पंजाब पुलिस के अफसर का बेटा है, प्रतिबंधित सिख संगठन से संबंध
- आरोपियों ने 14 अगस्त को डीसी ऑफिस से राष्ट्रध्वज उतारकर खालिस्तानी झंडा फहराया था
मोगा के डिप्टी कमिश्नर ऑफिस पर खालिस्तानी झंडा फहराने वाले दोनों खालिस्तानी समर्थक दिल्ली में पकड़े गए। दोनों 16 दिन से फरार थे और विदेश भागने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन, इससे पहले ही दिल्ली की स्पेशल पुलिस टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों की पहचान मोगा जिले के रौली गांव के जसपाल सिंह और इंद्रजीत सिंह के रूप में हुई है। जसपाल घटना का मास्टरमाइंड और पंजाब पुलिस के एक अफसर का बेटा है। आरोपियों के प्रतिबंधित सिख संगठन से भी संबंध सामने आए हैं।
गुरपतवंत सिंह के ऐलान से प्रभावित हुए
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने समर्थकों को खालिस्तानी झंडा फहराने के लिए उकसाया था। उसने ऐलान किया था कि 15 अगस्त को जो शख्स लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराता है, तो उसे सवा लाख डॉलर दिए जाएंगे। अगर कोई सरकारी दफ्तर पर झंडा फहराता है, तो उसे ढाई हजार डॉलर दिए जाएंगे। इसी से प्रभावित होकर आरोपियों ने खालिस्तानी झंडा तैयार करवाया।
राष्ट्रध्वज उतारकर फहराया खालिस्तानी झंडा
दोनों 14 अगस्त को सुबह 8 बजे डिप्टी कमिश्नर ऑफिस में घुस गए। फिरोजपुर के साधूवाला गांव के रहने वाले आकाशदीप को भी अपने साथ ले लिया। तीनों ने डिप्टी कमिश्नर ऑफिस की चौथी मंजिल से राष्ट्रध्वज को उतारकर केसरी रंग का झंडा फहरा था। झंडे पर सिख पंथ का पवित्र निशान खंडा बना हुआ था। खालिस्तान जिंदाबाद भी लिखा था। घटना का आरोपियों ने वीडियो बनाकर भी वायरल किया था।
घटना के बाद दिल्ली भाग गए थे आरोपी
घटना सामने आने के बाद पुलिस ने तीनों पर रिपोर्ट दर्ज की थी। जसपाल और इंद्रजीत सिंह पर तिरंगे का अपमान और खालिस्तानी झंडा फहराने का आरोप है। आकाशदीप पर इसका वीडियो बनाने का आरोप है। पुलिस ने आकाशदीप को घटना के तीसरे दिन गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मुख्य आरोपी जसपाल और उसका साथी इंद्रजीत भागकर दिल्ली पहुंच गए थे। जसपाल का पिता चमकौर सिंह मुस्कर जिले में सब इंस्पेक्टर है। उसकी गिरफ्तारी न होने पर पंजाब पुलिस पर सवाल भी उठने लगे थे।