कोरोना काल में परेशानियों से जूझ रहे लोगों पर एक और बोझ बढ़ गया है। सरकार ने छह साल बाद स्वास्थ्य सेवाएं महंगी कर दी हैं। नई दरें एक सितंबर से लागू होंगी। मरीजों की जेब पर करीब 25 फीसद आर्थिक बोझ बढ़ेगा। सरकारी अस्पतालों में लग्जरी सुविधाएं लेने वालों को भी अपनी जेब काफी ढीली करनी पड़ेगी।
सरकारी अस्पतालों में अब एक्सरे, आइसीयू व एमएलआर के लिए चुकाने होंगे ज्यादा पैसे
इससे पहले 2014 में पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन ने स्वास्थ्य सुविधाओं के रेट बढ़ाए थे। हालांकि, सेहत विभाग ने 21 श्रेणियों को मुफ्त इलाज के दायरे में रखा है। सेहत विभाग की हिदायतों के अनुसार अब प्राइवेट एसी रूम पर एक दिन के लिए 500 की जगह एक हजार रुपये व वीआइपी रूम लेने के लिए 1250 रुपये खर्च करने होंगे।
गंभीर बीमारियों से लड़ रहे मरीजों को आइसीयू में रहने के लिए भी प्रति दिन 500 रुपये चुकाने होंगे। पहले यह 150 रुपये था। लड़ाई-झगड़े के मामलों में मेडिको लीगल रिपोर्ट (एमएलआर) कटवाने के लिए लोगों को 300 रुपये की जगह 500 रुपये देने होंगे। इसके अलावा एक्सरे, ईसीजी व ऑपरेशन के भी रेट बढ़ गए हैं।

प्राइवेट एसी रूम के लिए रोजाना 500 की जगह लगेंगे एक हजार रुपये
पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन की एमडी तनु कश्यप का कहना है कि सरकारी अस्पतालों में करीब छह साल बाद सुविधाओं के रेट बढ़ाएं हैं। आम जनता की जेब बोझ नहीं डाला गया है। अस्पताल में मिलने वाली लग्जरी सुविधाएं लेने वालों पर थोड़ा आर्थिक बोझ बढ़ेगा। राजस्व में 20 से 25 फीसद तक का इजाफा होगा। फिलहाल सेहत विभाग का पूरा फोकस कोविड-19 के मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने में है।
इन्हें मिलती रहेंगी मुफ्त सेवाएं
- पीले कार्ड धारक व उन पर निर्भर परिजन।
- पंजाब सरकार के मुलाजिम व उन पर निर्भर परिवार के सदस्य।
- पंजाब सरकार के पेंशनर और उन पर निर्भर परिजन।
- पंजाब हेल्थ सिस्टम कॉरपोरेशन के मुलाजिम व उन पर निर्भर परिजन।
- मौजूदा व पूर्व विधायक, सांसद व उनके पारिवारिक सदस्य।
- पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जज, उनके स्टाफ सदस्य व उन पर निर्भर पारिवारिक सदस्य।
- पंजाब विधानसभा के स्टाफ सदस्य व उन पर निर्भर पारिवारिक सदस्य।
- स्वतंत्रता सेनानी व उन पर निर्भर पारिवारिक सदस्य।
- कैदी और पुलिस हिरासत में रखे गए लोग।
- पूर्व सैनिक और उन पर निर्भर पारिवारिक सदस्य।
- जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं, इनमें एक साल का बच्चा भी शामिल।
- एक से पांच साल तक की लड़की, गर्भवती महिला व नवजात शिशु।
- एसिड अटैक पीडि़त व दुष्कर्म पीडि़त।
- सड़क हादसा, प्राकृतिक आपदा।
- भूकंप, बाढ़, इमारत गिरना, जले, गोली कांड, अज्ञात लोगों व बिना शिकायत के मामलों में मुफ्त इलाज।
- सरकारी व सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढऩे वाले बच्चे।
- इमरजेंसी में दाखिल मरीज को 24 घंटे तक मुफ्त इलाज।
- 50 प्रकार के लैब टेस्ट।
- किडनी रोगियों के लिए मुफ्त डायलसिस।
- कोरोना मरीजों के लिए मुफ्त इलाज।
- केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत स्टाफ सदस्य।

नए व पुराने रेट
सेवाएं 2014- 2020
डिजिटल एक्सरे 120- 150
ईसीजी 60- 75
एमएलआर 300- 500
अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग 200- 250
दांत का एक्सरे 40- 50
अस्पताल में दाखिला फीस 30- 40
जनरल वार्ड में बेड चार्ज 30- 40
आइसीयू 150- 500
एसी प्राइवेट रूम 500- 1000
मेजर सर्जरी 1000- 1200
माइनर सर्जरी 150- 250
वार्षिक मेडिकल फीस 300- 500