पार्टी में बदलाव और नए अध्यक्ष के लिए चुनाव कराने की मांग करने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जिन 23 लोगों ने पत्र लिखा था, उनकी मंशा कांग्रेस को सक्रिय करने की थी. हम उन लोगों में से है जिन्होंने 1970 के बाद कांग्रेस बनाई. हमें उस वक्त पीड़ा होगी जिन्हें चुनावों के बारे में कुछ नहीं पता यदि वे आलोचना करेंगे. हम बहुत से प्रधानमंत्री और राष्ट्रपतियों के साथ काम करते रहे हैं. कुछ तो बात होगी. जो लोग कुछ भी करके नहीं आये हैं, वह विरोध करते हैं. जिसे कांग्रेस में रुचि होगी वह हमारी बात का स्वागत करेगा. कांग्रेस कार्य समिति (CWC) निर्वाचित होनी चाहिए. अभी जो प्रेजिडेंट बनता है उसके साथ कोई कांग्रेसी नहीं होता. कई प्रेजिडेंट ऐसे बने हैं जिनके साथ कोई भी नहीं था. CWC में आप किसी को हटा नहीं सकते लेकिन यहां तो आज मैंने गलत बयान दिया आज मुझे हटा दिया.
गांधी परिवार से पारिवारिक नाता
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अभी हम विपक्ष में हैं. सत्ताधारी पार्टी बहुत मजबूत है. अगर कांग्रेस पार्टी को 50 साल विपक्ष में बैठना है तो CWC में चुनाव मत कराओ. मुझे इससे क्या फायदा है. हमारा रिश्ता गांधी परिवार से पारिवारिक है. ये चापलूस आज ज्यादा प्यारा हो गए. लीडर को कभी-कभी ठीक करने के लिए बोलना पड़ता है, वही लॉयल होता है. हम पर आरोप लगते हैं कि हम किसी और के साथ हैं. हम संदेह करते हैं कि आखिर आप किसके साथ हैं?
इसके साथ ही कहा कि सोनिया गांधी ने बोला कि आपने लेटर लिखा मुझे कोई आपत्ति नहीं लेकिन लेटर लीक नहीं होना चाहिए था. भैया भारत देश में क्या लीक नहीं होता. उसमें कौन सा नेशनल सीक्रेट था. हमने नरसिम्हा राव को भी लेटर लिखा था कि आप PCC क्यों नहीं बना रहे हैं? उसके बाद हम चुनाव हार गए.
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारा इरादा कांग्रेस को सक्रिय और मजबूत बनाना है. लेकिन जो अप्वाइंटमेंट कार्ड से आए हैं, वो हमारे प्रस्ताव का विरोध करेंगे. आखिर बताइए कि यदि CWC का चुनाव हो और नियत समय के लिए निर्वाचित सदस्य हों तो उसमें क्या बुराई है.
हम लोगों ने प्रस्ताव दिया है कि जिलाध्यक्ष से लेकर राज्यों के अध्यक्ष का चुनाव पार्टी के भीतर होना चाहिए. पूरी कांग्रेस वर्किंग कमेटी का चुनाव होना चाहिए. जिन लोगों की वाकई पार्टी में रुचि है तो वे इस प्रस्ताव का स्वागत करेंगे.