- समुद्रतल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर बन रही विश्व की सबसे लंबी अटल सुरंग
- 8.8 किलोमीटर लंबी सुरंग का खर्च 4 हजार करोड़ तक पहुंच चुका है
10 हजार फीट पर स्थित दुनिया की सबसे लंबी रोड टनल देश में बनकर तैयार हो गई है. इसे बनाने में दस साल लग गए. लेकिन अब इससे लद्दाख सालभर पूरी तरह से जुड़ा रहेगा. साथ ही इसकी वजह से मनाली से लेह के बीच करीब 46 किलोमीटर की दूरी कम हो गई है. इसका नाम है अटल रोहतांग टनल. इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया है.
10,171 फीट की ऊंचाई पर बनी इस अटल रोहतांग टनल (Atal Rohtang Tunnel) को रोहतांग पास से जोड़कर बनाया गया है. यह दुनिया की सबसे ऊंची और सबसे लंबी रोड टनल है. यह करीब 8.8 किलोमीटर लंबी है. साथ ही यह 10 मीटर चौ़ड़ी है. अब मनाली से लेह जाने में 46 किलोमीटर की दूरी कम हो गई. अब आप ये दूरी मात्र 10 मिनट में पूरी कर सकते हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार नाली-लेह रोड पर चार और टनल प्रस्तावित हैं, फिलहाल ये टनल बनकर पूरी हो चुकी है. ऐसा माना जा रहा है कि सितंबर के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन करेंगे. यह टनल सिर्फ मनाली को लेह से नहीं जोड़ेगी बल्कि हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पिति में भी यातायात को आसान कर देगी. यह कुल्लू जिले के मनाली से लाहौ़ल-स्पिति जिले को भी जोड़ेगी.
इसके बनने से सबसे ज्यादा फायदा लद्दाख में तैनात भारतीय फौजियों को मिलेगी. क्योंकि इसके चलते सर्दियों में भी हथियार और रसद की आपूर्ति आसानी से हो सकेगी. अब सिर्फ जोजिला पास ही नहीं बल्कि इस मार्ग से भी फौजियों तक सामान की सप्लाई हो सकेगी.
इस टनल के अंदर कोई भी वाहन अधिकतम 80 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चल सकेगा. इसे बनाने की शुरूआत 28 जून 2010 को हुई थी. इसे बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने बनाया है. यह सुरंग घोड़े के नाल के आकार में बनाई गई है.
इसे बनाने में BRO के इंजीनियरों और कर्मचारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी. क्योंकि सर्दियों में यहां काम करना बेहद मुश्किल हो जाता था. यहां पर तापमान माइनस 30 डिग्री तक चला जाता था. इस टनल को बनाने के दौरान 8 लाख क्यूबिक मीटर पत्थर और मिट्टी निकाली गई. गर्मियों में यहां पर पांच मीटर प्रति दिन खुदाई होती थी. लेकिन सर्दियों में यह घटकर आधा मीटर हो जाती थी.
पीएम सितंबर में करेंगे रोहतांग टनल का उद्घाटन
बताया गया कि निर्धारित लक्ष्य से पांच साल देरी से बनकर तैयार हो रही टनल की लागत भी 1400 करोड़ से बढ़कर 4000 करोड़ पहुंच चुकी है। टनल का निर्माण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की देखरेख में एफकॉन-स्ट्राबॉग ज्वाइंट वेंचर कंपनी कर रही है।
बीते दिनाें जनजातीय विकास मंत्री डा. रामलाल मारकंडा ने बीआरओ के सभी अफसरों समेत एसडीएम मनाली के साथ समीक्षा बैठक की। इस दाैरान नाॅर्थ एवं साउथ पाेर्टल में एवालांच गैलरी का भी निरीक्षण किया गया। बताया गया कि मार्च महीने में टारिंग का काम शुरू हाेगा।
जनजातीय विकास मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने बताया कि अटल टनल का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी सितंबर महीने में करेंगे। वे सिसू गांव में जनसभा काे भी संबाेधित करेंगे। हमने बीआरओ के अफसराें के साथ समीक्षा बैठक कर सितंबर महीने में टनल का उद्घाटन करने का निर्णय लिया।