हाइलाइट्स:
- राम मंदिर के 70 एकड़ क्षेत्र का नक्शा पास करवाने में जुटा मंदिर ट्रस्ट
- तकनीकी परीक्षण करने के साथ मंदिर का नक्शा भी फाइनल किया जाएगा
- 2 करोड़ शुल्क की संभावना के साथ 15-20 दिन का लग सकता है समय
राम जन्म तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट अब राम जन्म भूमि परिसर के 70 एकड़ क्षेत्र का अयोध्या प्राधिकरण से लेआउट नक्शा पास करवाने की प्रकिया पूरी करने मे जुटा है। इस बीच एलऐंडटी के इंजिनियर मंदिर स्थल के भूमि परीक्षण और नींव निर्माण के लिए पूरी तरह से तकनीकी परीक्षण करने के साथ मंदिर का नक्शा भी फाइनल कर लेंगे। ट्रस्ट के सदस्य डॉक्टर अनिल मिश्र के मुताबिक नक्सा पास करवाने के साथ ही उड्डयन, फायर, पर्यावरण सहित कई विभागों से एनओसी लेनी पड़ती है।
इसको हासिल करने को लेकर कार्रवाई चल रही है। इसमें 15 से 20 दिन का समय लग सकता है। उन्होंने बताया कि 70 एकड़ क्षेत्र का नक्शा पास करवाने में करीब 2 करोड़ रुपये का शुल्क जमा करना पड़ सकता है। ट्रस्ट सारी विधिक प्रक्रिया पूरी करके ही काम शुरू करवाएगा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के 5 अगस्त के मंदिर शुभारंभ के बाद ट्रस्ट जल्द मंदिर का काम तेजी से शुरू करने की तैयारी में है, जिससे सारे देश के रामभक्तों में मंदिर निर्माण को लेकर उत्साह बने। उन्होंने कहा कि मंदिर के लिए धन दान करने को लेकर भी ट्रस्ट बार बार अपील कर रहा है।
पहुंची तांबे की छड़ों की पहली खेप
अब निर्धारित आकार की तांबे की पट्टियों का ट्रस्ट कार्यालय पहुंचना शुरू हो गया है। ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्राकाश गुप्ता के मुताबिक पहली खेप रविवार को 8 पट्टियों की पहुंची है। जिसे केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के सचिव की ओर से 18 इंच गुणे 30 मिमी गुणे 3 मिमी के आकार मे बनवा कर भेजा गया है। इनको लेकर दिल्ली से प्रतिनिधि यहां आया था जिसका कहना था कि यह खेप तांबे के दान के औपचारिक श्रीगणेश करने के लिए भेजी गई है। उन्होंने बताया कि देश के कई प्रांतो से जनप्रतिनिधियों व्यवसायियों और आम लोगों के फोन तांबे की छड़े भेजने के लिए आ रहें है। जिसे फिलहाल भेजने के लिए रोका जा रहा है क्योंकि इसकी जरूरत करीब 4 महीने के बाद पड़ेगी। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने पत्थरों को जोड़ने के लिए इसी आकसार की करीब 10 हजार तांबे की छड़ों की मंदिर निर्माण में जरूरत पड़ने की जानकारी देकर इसे राम भक्तों से दान करने के लिए अपील की थी। लेकिन जिस तरह से लोगों में तांबे की छड़ो को भेजने का उत्साह दिख रहा है। उससे यही लगता है, इससे कहीं ज्यादा तांबा बहुत जल्द पहुंच जाएगा।
पहुंच रही हैं मशीनें
प्रकाश गृप्ता ने बताया कि नींव का काम शुरू करने की तैयारी चल रही है। 1989 में कारसेवा के दौरान राम मंदिर के गर्भगृह के सामने जो कंक्रीट का प्लेटफॉर्म तैयार किया गया था, उसे खोद कर हटा दिया गया है। अब इस स्थल साफ सफाई का काम एलएंडटी कंपनी करवा रही है। इस कंपनी की बड़ी मशीनें में भी रास्ते में है, जो जल्द अयोध्या पहुंचने वाली है। उन्होंने कहा कि कुछ मशीने लोगों ने दान की हैं, जो साइट पर पहुंची है। मंदिर स्थल पर लेवेलिंग का काम पूरा हो गया है। एलएंडटी कंपनी अपना कार्यालय भी जल्द खोलने जा रही है, जिसके लिए स्थान भी चिन्हित किया गया है।