एलएसी पर यथा स्थिति बहाल करने के लिये चल रही व्यापक बातचीत का कोई सकारात्मक नतीजा नहीं निकलता है तो भारतीय सशस्त्र सेनाएं सैन्य विकल्पों के लिये भी तैयार हैं।
चीन के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर काफी समय से चल रहे गतिरोध पर सीडीएस जनरल विपिन रावत ने यह बात कही है। चीन-भारत सीमा मुद्दे को लेकर सैन्य रणनीति बनाने वाले शीर्ष सैन्य अधिकारियों का हिस्सा जनरल रावत ने कहा कि शांति से गतिरोध के समाधान के लिये ‘पूर्ण सरकारी’ नजरिये का पालन किया जा रहा है। यथा स्थिति बहाल करने के लिये अगर सभी प्रयास ‘फलदायी’ नहीं होते हैं तो सशस्त्र बल हमेशा सैन्य कार्रवाई के लिये तैयार हैं। सीडीएस जनरल रावत ने कहा कि एलएसी को लेकर दोनों देशों की अलग धारणा के कारण अतिक्रमण हुआ। वार्ताएं हुई पर समाधान की दिशा में कोई महत्वपूर्ण प्रगति नहीं हुई। दोनों पक्षों में कूटनीतिक वार्ता का एक और दौर हुआ और विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे लंबित मुद्दों को ‘तेजी के साथ’ मौजूदा समझौतों और व्यवस्थाओं के जरिये निपटाने पर सहमत हैं।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक सैन्य वार्ता में भारतीय सेना चीन से अप्रैल के पूर्व की यथास्थिति बहाल करने पर सख्ती से जोर दे रही है, क्योंकि यही विवाद के हल का एकमात्र तरीका है। सेना में यह विचार भी बढ़ रहा है कि चीनी सेना विवाद के हल की इच्छुक नहीं है और वह बातचीत में ‘कभी आगे कभी पीछे’ हो रही है जबकि भारतीय पक्ष ने इस मामले में अपनी स्थिति से उसे बेहद स्पष्ट रूप से अवगत करा दिया है। सीमा विवाद से अलग भारत लद्दाख क्षेत्र में प्रमुख आधारभूत ढांचों के विकास के साथ ही नयी सड़कें बनाने का काम भी कर रहा है।