भारत में कोरोनावायरस संक्रमण के केस तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। रविवार तक देश में कुल पीड़ितों की संख्या 30 लाख के पार हो जाएगी। इसी के साथ अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत इस आंकड़े तक पहुंचने वाला तीसरा देश बन जाएगा। हालांकि, अगर तीनों देशों के बीच कोरोना के बढ़ते केसों की तुलना की जाए, तो सामने आता है कि जहां अमेरिका और ब्राजील में कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ रही है, वहीं भारत में अभी इस पर कोई रोक नहीं है। चौंकाने वाली बात यह है कि भारत में पिछले 10 लाख केस महज 16 दिन के अंदर ही आए हैं।
बता दें कि ब्राजील में कोरोना केसों के 20 से 30 लाख तक पहुंचने में 23 दिन का समय लगा था, जबकि अमेरिका में यह अवधि 28 दिन की रही थी। यानी दोनों देशों के मुकाबले भारत में संक्रमण की रफ्तार काफी तेज है। इसमें एक गौर करने वाली बात यह है कि बाकी दोनों देशों की तुलना में भारत में संक्रमितों का आंकड़ा 10 लाख तक पहुंचने का समय सबसे लंबा- 138 दिन का था, जबकि अमेरिका में इतने केस 98 दिन और ब्राजील में 114 दिन में मिले थे।
लेकिन इसके बाद से ही भारत में सबसे तेजी से केस बढ़ हैं। 10 लाख से 20 लाख केस होने में भी भारत में सिर्फ 21 दिन ही लगे थे, जबकि अमेरिका में इसके लिए 43 दिन और ब्राजील में 27 दिन लगे। गौरतलब है कि भारत में पिछले कुछ दिनों में टेस्टिंग की रफ्तार भी तेजी से बढ़ी है। ऐसे में अगले 10 लाख केसों के दौरान संक्रमण की रफ्तार पर नजर रखना जरूरी होगा। बता दें कि अमेरिका में केसों की संख्या 30 लाख से 40 लाख पहुंचने में 15 दिन लगे। वहीं 40 से 50 लाख पहुंचने में 17 दिन।
दूसरी तरफ अगर मौतों की बात की जाए, तो भारत का रिकॉर्ड इन दोनों देशों से काफी बेहतर है। अमेरिका में जब 30 लाख केस थे, तब तक कोरोना से 1 लाख 30 हजार लोगों की मौत हो चुकी थी। वहीं, ब्राजील में भी 1 लाख से ज्यादा जानें गई थीं। रिकवरी के मामले में भी भारत का रिकॉर्ड बेहतर हो रहा है। देश में एक्टिव केसों की संख्या एक दिन पहले ही 7 लाख के पार हुई है, हालांकि 6 लाख से 7 लाख तक आने में इसे 15 दिन का समय लगा है, जबकि एक्टिव केस 5 से 6 लाख पहुंचने में 9 दिन ही लगे थे।